- जिसकी शिकायत की गयी, उसी को बना दिया गया जांच अधिकारी!
जौनपुर। सइयां भये कोतवाल तो अब डर काहे का? यह कहावत आईटीआई सिद्दीकपुर के प्रधानाचार्य के चहेते सहित उनके खिलाफ की गयी शिकायत के बाबत दिये गये जांच के आदेश पर सटिक बैठ रहा है, क्योंकि जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गयी, उनमें से एक यानी आईटीआई सिद्दीकपुर प्रधानाचार्य जो नोडल अधिकारी हैं, को ही जांच अधिकारी बना दिया गया है।
ऐसे में लोग कह रहे हैं कि इस सरकार में जिसकी शिकायत करोगे, उसी से जांच करने का आदेश दिया जाता है, ऐसा इस प्रकरण में देखा एवं सुना जा रहा है। फिलहाल सवाल यहां यह उठता है कि कोई गलत व्यक्ति अपने खिलाफ भ्रष्टाचार का सही रिपोर्ट कैसे बनायेगा जबकि सारे सबूत और गवाह विरोध में हो परन्तु जब खुद आरोपी, खुद गवाह, खुद ही जज बना बैठा हो तो सब कुछ सम्भव है।
बताते चलें कि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सबरहद शाहगंज के भ्रष्टाचार, दुर्व्यवस्था सहित कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर सतेन्द्र यादव नामक आम नागरिक ने बीते 6 अगस्त को संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण/शिशिक्षु) वाराणसी मण्डल से लिखित शिकायत किया परन्तु संयुक्त निदेशक ने बीते 14 अगस्त को नोडल संस्थान सिद्दीकपुर के प्रधानाचार्य मनीष पाल को ही जांच करने का आदेश दे दिया जबकि शिकायतकर्ता के अनुसार नोडल अधिकारी/प्रधानाचार्य मनीष पाल स्वयं भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं।
शिकायत को यदि सच माना जाय तो आईटीआई सिद्दीकपुर के प्रधानाचार्य मनीष पाल के शह पर ही राकेश पाल उसरांव—मड़ियाहूं और अमित श्रीवास्तव सबरहद—शाहगंज की देख—रेख में सुविधा शुल्क के साथ परीक्षा सम्पादित करायी जा रही है। बता दें कि बहुचर्चित प्रधानाचार्य मनीष पाल सिद्दीकपुर, उसरांव एवं सबरहद आईटीआई के नोडल अधिकारी हैं।
सुविधा शुल्क तय: फीटर का 1800 एवं इलेक्ट्रिशियन सहित अन्य ट्रेड का 2000
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सबरहद और राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सिद्दीकपुर में कुल 4 चरणों में तीन पालियों में परीक्षा शुक्रवार को भारी अनियमितता के बीच सम्पन्न हो गयी। प्रथम व अंतिम वर्ष की परीक्षा में आये परीक्षार्थियों से हुई बातचीत के दौरान बताया गया कि ट्रेड के अनुसार परीक्षा में सुविधा शुल्क तय है। जैसे- फीटर ट्रेड का 1800 से 2000 तक और इलेक्ट्रिशियन सहित अन्य ट्रेड का 2000 से 2500 तक। वहीं यह भी बताया गया कि सीसी कैमरे को 30—40 मिनट तक बन्द कर दिया जाता है जिसके बाद सुविधा शुल्क देने वालों को पर्याप्त सुविधा मुहैया करवायी जाती है।
हम किसी से कम नहीं...
शाहगंज तहसील क्षेत्र अन्तर्गत सबरहद में स्थित राजकीय आईटीआई पर 'हम किसी से कम नहीं' की कहावत सटिक बैठ रही है। उसका कहना है कि यदि आईटीआई सिद्दीकपुर कर सकता है तो मैं क्यों नहीं? सूत्रों की मानें तो जौनपुर के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा अन्य जिलों से परीक्षार्थी आईटीआई सबरहद केन्द्र पर परीक्षा देने आये। छात्रों ने स्पष्ट बताया कि हम सभी जहां से भी परीक्षा यहां देने आये हैं, वहां सरकारी फीस देने के साथ सुविधा शुल्क भी जमा करवा लिया गया है लेकिन यहां परीक्षा हाल के अन्दर जाने के बाद पूछा गया कि सुविधा चाहिये? अगर चाहिये तो उसका शुल्क जमा करना होगा। ऐसे में हम लोगों को दोहरी मार से जूझना पड़ा।
चहेते अनुदेशक ही बनाये गये परीक्षा प्रभारी
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत चहेते अनुदेशकों के अलावा दूसरे आईटीआई के लोगों को भी परीक्षा ड्यूटी में लगाया जाता है जबकि परीक्षा केन्द्र बनाये गये संस्थान में इलेक्ट्रिशियन, फीटर, मोटर मैकेनिक ट्रेड, एयर कंडिशन एण्ड रेफ्रिजरेटर ट्रेड, कोपा कम्प्यूटर सहित अन्य ट्रेडों के अनुदेशक हैं परन्तु सवाल उठता है कि क्या परीक्षा केन्द्र बनाये गये संस्थान में सेवारत अनुदेशक काबिल नहीं हैं? बताते चलें कि सबरहद आईटीआई प्रधानाचार्य रहित चल रहा है। यहां तैनात फोरमैन सभाजीत यादव को प्रधानाचार्य का चार्ज दिया गया है। दूरभाष पर परीक्षा सम्बन्धित जानकारी लेते समय श्री यादव ने सवालों का गोल—मोल जवाब देते हुये बात को टालने का प्रयास किया।