- बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय का 30वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
- राज्यपाल ने छात्रों को दिया अनुशासन और शोध का मंत्र
मुकेश तिवारी
झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों को अनुशासन, नियमित उपस्थिति और शोध कार्य की सार्थकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए और शोध केवल फाइलों तक सीमित न रहकर समाज के हित में होना चाहिए। राज्यपाल ने डिजिलॉकर के उपयोग, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान, आंगनबाड़ी निरीक्षण और रियल हीरो से छात्रों को जोड़ने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि पढ़ते रहिए और देश को आगे बढ़ाइए। मुख्य अतिथि एवं डीआरडीओ की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. चंद्रिका कौशिक ने युवाओं से आत्मनिर्भर भारत और तकनीकी शोध में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आने वाला समय पूरी तरह तकनीक आधारित होगा। विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने विज़न 2047 को ध्यान में रखते हुए भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका को अहम बताया। कुलपति प्रो. मुकेश पांडे ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाईं, जिनमें नेक ए++ ग्रेड, 4600 एडमिशन और 1 मेगावाट सोलर प्लांट प्रमुख हैं। समारोह में मेधावी छात्रों को पदक दिए गए, नए भवनों का लोकार्पण-शिलान्यास हुआ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं।
शराब के बारे में बोलते हुए राज्यपाल ने आज की लड़कियों के लिए कहा कि जब आप शादी के लिए लड़का चुने तो देखें कहीं को दारू तो नहीं पीता है, एक और शराब के ठेके हर जगह खुल रहे है वहीं दूसरी और राज्यपाल का यह सन्देश कितना कारागार होगा।