- समतामूलक समाज के संस्थापक थे मदन मोहन मालवीय: राम आसरे
- महामना जी अपने जीवन में मोक्ष पाने की संकल्पना नहीं करते थे: प्रो. हरिओम
शुभांशू जायसवाल
जौनपुर। तिलकधारी महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में स्थापित महामना मदन मोहन मालवीय शोध संस्थान में मालवीय जी की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि एवं भावांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्राचार्य प्रो. राम आसरे सिंह ने कहा कि महामना बहुमुखी प्रतिभा के धनी के साथ समतामूलक समाज के संस्थापक थे एवं उनका व्यक्तित्व शिक्षाविद् समाजसेवी तथा कानून विधि के साथ समाज शिल्पी जैसे था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरिओम त्रिपाठी ने कहा कि महामना जी अपने जीवन में मोक्ष और राज्य पाने की संकल्पना नहीं करते थे। वह हमेशा कहा करते थे कि मुझे काशी हिंदू विश्वविद्यालय और समाज सेवा करने का अवसर प्राप्त होता रहे। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के समन्वय का परिलक्षित स्वरूप ही बी एच यू जैसे संस्थान है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. हिमांशु सिंह ने कहा कि महामना अपने जीवन में सादगी का भाव हमेशा उतारने का प्रयास किया करते थे। प्रो.सुषमा सिंह ने कहा कि महामना सरल सहज ब्यक्तित्व के धनी थे। समाजशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि महामना अपने जीवन में कर्तव्य परायणता को प्रमुख माना उसी के आधार परअपने संपूर्ण जीवन की कार्यशैली को आगे बढ़ाया।
इस अवसर पर हिंदी विभाग की प्रो. पुष्पा सिंह, डॉ. देवव्रत मिश्रा सहायक आचार्य जंतु विज्ञान विभाग, डॉ. सिद्धार्थ सिंह अध्यक्ष प्राचीन इतिहास विभाग, डॉ. शैलेंद्र सिंह वत्स सहायक आचार्य जंतु विज्ञान विभाग, डॉ. महेंद्र त्रिपाठी उपाचार्य हिंदी विभाग, डॉ. अदिति द्विवेदी, डॉ. ओम प्रकाश सिंह, रावेंद्र सिंह सहित तमाम छात्र—छात्राएं उपस्थित रहे।
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