- गर्भवती पीड़िता से विवाह व पक्षद्रोही होने पर भी दोषी करार
सूर्यमणि पाण्डेय
जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय रूपाली सक्सेना की अदालत ने नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी युवक को 10 वर्ष के सश्रम करावास व 5000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार मुंगराबादशाहपुर निवासी एक व्यक्ति ने अभियोग पंजीकृत करवाया कि उसकी 16 वर्षीया पुत्री कक्षा 10 में पढ़ती थी। 13 सितंबर 2017 को पढ़ने के लिए गई थी और शाम तक घर वापस नहीं लौटी। खोजने पर कुछ पता नहीं चला। तब बृजेश बिंद की पत्नी ने बताया कि उसके पति ही उसकी पुत्री को बहला फुसलाकर कहीं भगा ले गए हैं। स्कूल से पता चला कि 1 घंटे पढ़ने के बाद ही वह वहां से चली गई थी।
विवेचना के दौरान पीड़िता द्वारा दिए गए बयान के आधार पर आरोपी के विरुद्ध दुष्कर्म की धारा बढ़ाकर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी और रमेश चंद्र पाल द्वारा परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने आरोपी युवक को नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुए उक्त दंड से दंडित किया।
.jpg)





