- अक्टूबर और नवम्बर में ढा सकता है कहर
- जनवरी से अब तक 39 मरीज की हो चुकी है रिपोर्ट
सुनील शर्मा
जौनपुर। डेंगू का केस अब बढ़ सकते हैं। आने वाले दो महीने सतर्क रहने की जरूरत है। हलांकि इस वर्ष अब तक 39 मरीज की रिपोर्ट हो चुकी है जो पिछले साल की अपेक्षा कम है। जिले में शनिवार को तीन डेंगू केस रिपोर्ट हुए हैं जिसमें से एक ग्राम भौसिंहपुर ब्लॉक मुफ्तीगंज, एक केराकत, एक सिकरौर ब्लॉक रामपुर में हैं। जनवरी से अब तक डेंगू के कुल 39 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं।सवार्धिक प्रभावित ब्लॉक केराकत में कुल 6 केस, नगरपालिका परिषद जौनपुर में कुल 4 केस, बदलापुर, डोभी, जलालपुर में तीन-तीन डेंगू केस रिपोर्ट हुए हैं।
पिछले वर्ष अब तक 113 डेंगू मरीज मिले थे लेकिन आने वाले समय अक्टूबर नवंबर में डेंगू मरीज बढ़ने की प्रबल संभावना हैं। डेंगू मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाला एक संक्रामक वायरल रोग है। इसका मच्छर कूलर, गमला, फ्रिज की ट्रे, प्लास्टिक, शीशे आदि के कंटेनर टब, मग, कप, बाल्टी, गिलास, हौद, खुली हुई टंकी आदि में रुके हुए पानी में प्रजनन करता है। नम, अंधेरी जगहों, गंदे स्थानों में, घरों में बेड के नीचे, आलमारी के पीछे, कूड़े कबाड़ आदि में छिपा रहता है। अपने परिवेश के आस पास ही अधिक संक्रमण फैलाता है। यह मच्छर चित्तीदार होता है। शरीर पर सफेद पट्टियां, चित्तियां होती हैं, इसीलिए इसे टाइगर मच्छर कहते हैं। यह दिन में अधिक काटता है जो लोग खुली बदन रहते हैं। बिना पूरी आस्तीन के कपड़े पहनते हैं। उन्हें डेंगू का खतरा अधिक होता है।
डेंगू के लक्षण
डेंगू में तीव्र बुखार, सिर, बदन, मांसपेशियों खास कर हड्डियों जोड़ों में तेज दर्द (हड्डी तोड़ बुखार),आंखों के पीछे दर्द, शरीर पर चकत्ते, भूख में कमी, उल्टी मितली, डीहाइड्रेशन, पल्स गिरना, घबराहट आदि लक्षण दिखाई देते हैं। जांच उपचार में देरी होने पर प्लेटलेट्स में कमी, रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। डेंगू के लक्षण दिखते ही तत्काल नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या जिला चिकित्सालय जाकर समय से जांच उपचार कराएं। डेंगू के जांच की व्यवस्था समस्त सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आयुष्मान आरोग्य मंदिर में भी निःशुल्क उपलब्ध है। जिला चिकित्सालय एवं समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डेंगू मरीज के उपचार हेतु आवश्यक औषधियां, ओआरएस, भर्ती के लिए आइसोलेटेड डेंगू वार्ड बने हैं।
जिला चिकित्सालय में एलिजा जांच मशीन, ब्लड कंपोनेंट सेपरेटेड मशीन कार्यरत है। डेंगू मरीजों के सापेक्ष केस बेस्ड एक्टिविटी के लिए ब्लॉक स्तर पर रैपिड रेस्पॉन्स टीमें बनाई गई हैं जो केस की सूचना पर 24 से 48 घंटे में मरीज के घर पहुंचकर फीवर सर्वे, टेस्टिंग, सैंपलिंग, ब्रीडिंग सोर्स रिडक्शन, प्रचार प्रसार, स्वास्थ्य शिक्षा एंटीलार्वल स्प्रे आदि कार्य कराती हैं। प्रभावित ग्रामों, मोहल्लों की सूची पंचायती राज विभाग एवं नगर विकास विभाग को भी उपलब्ध कराई जाती है, ताकि वे नियमित रूप से साफ सफाई, सोर्स रिडक्शन, झाड़ियों की कटाई, जल निकासी, फॉगिंग, स्प्रे आदि करा सकें।
डेंगू में क्या करें, क्या न करें...
डेंगू बुखार होने पर पूरी तरह से आराम करें। तरल पदार्थों जैसे ताजे फल, फलों का जूस, दाल का जूस, नारियल पानी, ओआरएस घोल, दलिया, हल्का दूध आदि का सेवन करें। मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरे आस्तीन के कपड़े पहने। खुली बदन न सोएं। तला भुना गरिष्ठ भोजन न करें। दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें। खुद या झोला छाप से इलाज न करायें। प्रशिक्षित चिकित्सक से ही जांच उपचार करायें।
डेंगू से बचाव की अपील
अपने घरों के आस-पास साफ-सफाई रखें। कूड़ा कबाड़ हटा दें। खिड़कियों दरवाजों पर मच्छर रोधी जाली लगवाएं। पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था रखें। किसी भी जलपात्र में पानी न एकत्र होने दें। कूलर, फ्रिज ट्रे का पानी सप्ताह में एक बार बदल दें। टंकी ढक कर रखें। रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल या एंटीलार्वल रसायन डालें। घरों के अंदर बाहर कीटनाशी रसायन का छिड़काव करें।
सावधानी का संदेश
जल जमाव होगा जहां, मच्छर पैदा होंगे वहां। मच्छर दानी का करो प्रयोग, दूर होंगे डेंगू मलेरिया रोग।
सजगता, सतर्कता एवं सहयोग आवश्यक: सुनील यादव
इस बाबत पूछे जाने पर सुनील यादव डीएमओ ने बताया कि सजगता, सतर्कता और सहयोग से डेंगू मच्छर और रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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