- हजारों परिवार खतरे में, नागरिकों का हल्ला बोल, समाजसेवियों ने दिया ज्ञापन
जौनपुर। जौनपुर में अवैध आरओ जल संयंत्रों से सप्लाई होने वाला दूषित पानी बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन गया है। समाजसेवी विकास तिवारी एडवोकेट के नेतृत्व में जागरूक नागरिकों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बिना खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के लाइसेंस और भूजल प्राधिकरण की मंजूरी के संचालित इन संयंत्रों की तत्काल जांच और कार्यवाही की मांग किया है।
जौनपुर में सैकड़ों अवैध आरओ संयंत्र बिना किसी मानक के पानी की आपूर्ति कर रहे हैं जिसमें नाइट्रेट, बैक्टीरिया, आर्सेनिक और उच्च स्तर के घुले पदार्थ (टीडीएस) जैसे हानिकारक तत्व हो सकते हैं। यह ब्लू बेबी सिंड्रोम, कैंसर, गुर्दे की पथरी, मधुमेह, सांस की बीमारी, हृदय रोग और पेट की बीमारियों का कारण बन सकता है। गैर-बीपीए जार का उपयोग इस जोखिम को और बढ़ा रहा है। हाल के महीनों में जौनपुर के कई इलाकों में बढ़ी बीमारियों ने हजारों परिवारों के स्वास्थ्य को खतरे में डाला है। इन संयंत्रों द्वारा बिना अनुमति के भूजल का अत्यधिक दोहन जिले के भूजल स्तर को खतरनाक रूप से कम कर रहा है जो पर्यावरण के लिए भी गंभीर चुनौती है। हमारे बच्चों का भविष्य और परिवारों का स्वास्थ्य दांव पर है।
जिलाधिकारी को दिये गये ज्ञापन के माध्यम से मांग की गयी कि सभी आरओ जल संयंत्रों की तत्काल जांच और ऑडिट हो। बिना लाइसेंस वाले संयंत्रों को तुरंत सील किया जाय। जल की गुणवत्ता की नियमित जांच को अनिवार्य किया जाय। दोषी संचालकों पर कठोर कानूनी कार्यवाही हो। स्वास्थ्य जागरूकता अभियान और स्वतंत्र सर्वेक्षण का आयोजन हो। जिलाधिकारी से इस मामले में 15 दिनों के भीतर जांच पूरी कर कार्यवाही की सार्वजनिक रिपोर्ट जारी करने की मांग की गयी। साथ ही खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से सूचना का अधिकार के माध्यम से जानकारी मांगी गई है। जौनपुर की जनता अपने परिवारों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।
ज्ञापन देने वालों में विकास तिवारी, आशीष शुक्ला, अतुल सिंह, विराज ठाकुर, डा. अब्बासी, अंकित यादव, रोहित पाठक, शिवराज यादव, शिवम् शर्मा, कुलदीप यादव, विकास पाण्डेय, शिव मिश्र, राकेश मिश्र, देवेश मौर्य, शैलेन्द्र यादव, सौरभ यादव, ऋषिकेश यादव, गौरव शुक्ल, प्रदीप यादव, रंजीत यादव, मन्नू प्रजापति, शिवशंकर यादव, नीरज पाठक आदि प्रमुख रहे।
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