विपिन सैनी
चौकियां धाम, जौनपुर। मां शीतला चौकियां धाम में शारदीय नवरात्र के 5वें दिन यानी शुक्रवार को पंचमी तिथि में मां दुर्गा के 5वें स्वरूप मां स्कंदमाता स्वरूप का भक्तों ने दर्शन—पूजन किया। जानकारों के अनुसार देवी को यह नाम उनके पुत्र भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण प्राप्त हुआ। शास्त्रों में इनके पूजन से साधक को न केवल सांसारिक सुख-समृद्धि, बल्कि दिव्य ज्ञान और आरोग्य की भी प्राप्ति होती है। मां स्कंदमाता को सिंह पर सवार और 4 भुजाओं वाली देवी के रूप में वर्णित किया गया है।
उनके विग्रह में बाल रूप भगवान कार्तिकेय गोद में विराजमान रहते हैं। एक हाथ से वे वरद मुद्रा में आशीर्वाद देती हैं जबकि अन्य दो हाथों में कमल धारण करती हैं। देवी का रंग शुभ्र है और वे कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इस कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। नवरात्रि की पंचमी को साधक का मन ‘विशुद्ध चक्र’ में स्थित हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन साधक की लौकिक व सांसारिक चित्तवृत्तियां शांत हो जाती हैं और वह परम चैतन्य की ओर अग्रसर होता है। मां स्कंदमाता की आराधना से साधक का मन देवी स्वरूप में पूर्णत: तल्लीन होकर आध्यात्मिक उन्नति को प्राप्त करता है।
देखा गया कि प्रातःकाल मन्दिर के कपाट खुलने के पश्चात माता रानी का भव्य श्रृंगार करके मंदिर के पुजारी चंद्रदेव पंडा ने आरती पूजन किया। भक्तों की लम्बी कतार दर्शन—पूजन के लिये लगी थी। कतार में खड़े होने दर्शनार्थी बारी—बारी से दर्शन—पूजन करते नजर आये। शुक्रवार का दिन होने के कारण नौनिहाल छोटे बच्चों के मुण्डन संस्कार, कढ़ाही, हवन पूजन भक्तों ने किया।हवन पूजन माता रानी के जयकारों से सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। दर्शन पूजन करने के पश्चात भक्तजन पवित्र कुण्ड के बगल में स्थित बाबा काल भैरवनाथ एवं मां काली मंदिर में भी दर्शन पूजन किये। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से मन्दिर परिसर में चौकियां पुलिस चौकी प्रभारी ईश चन्द्र यादव अपने सहयोगियों के साथ मौजूद रहे।
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