- सब्जी मण्डी की स्थापना 25 दिसम्बर 1991 को मंत्री वंश नारायण के हाथों हुआ था सम्पन्न
- मड़ियाहूं विधायक के प्रयास से नोनारी उप मण्डी का जीर्णोद्धार 96.2 लाख की लागत से होगा
आशीष मौर्य
नेवढ़िया, जौनपुर। मड़ियाहूं विधानसभा अंतर्गत नोनारी सब्जी मंडी परिसर में बुधवार को दोपहर 1 बजे विधायक डा. आर.के. पटेल द्वारा 96.02 लाख रुपए की लागत से गेट, बाउंड्रीवॉल, नाली व इंटरलाकिंग के जीर्णोद्धार के लिए पूजा-अर्चना करते हुए शिलान्यास किया गया। इसके पश्चात विधायक ने मंडी परिसर के चारों ओर चक्कर लगाते हुए जेई व ठेकेदार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और मंडी में किसानों के लिये पेयजल, शौचालय, स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था कराने का आश्वासन भी दिया।
पिछले वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किसानों और पत्रकारों से बातचीत में अपना दल एस. से विधायक पद के उम्मीदवार रहे डा० आर०के० पटेल ने नोनारी सब्जी मंडी परिसर में किसानों से वादा किया था कि जब मैं आपके क्षेत्र से विधायक बन जाता हूं तो मेरी प्रथम प्राथमिकता मंडी परिसर को सुव्यवस्थित रूप में सुंदरीकरण कराने की होगी। भाजपा गठबंधन के अपना दल एस. से उम्मीदवार रहे डा० आर०के० पटेल को मड़ियाहूं की जनता ने चुनाव में विजयी बनाने का कार्य किया तो अब किसानों को किया गया वादा विधायक बनने के बाद डा० आर०के० पटेल कैसे भूल सकते हैं। विधायक जी की 3 सालों की मेहनत और किसानों की उम्मीद अब 96.02 लाख रुपए से पूरी होने वाली है।
इतना ही नहीं, मंडी परिसर को सुव्यवस्थित रूप में कराने के लिए विधायक जी को साढ़े 3 वर्ष भी लगे हैं और इसमें समाजसेवी आशीष मौर्य पत्रकार की भी अहम भूमिका है जो मंडी परिसर की जनसमस्याओं को विधायक तक हर संभव पहुंचाने का कार्य किये हैं।
इस अवसर पर ठेकेदार शिवांगी इंटरप्राइजेस, जेई दिग्विजय राय, मंडी समिति अध्यक्ष रामकेश यादव, आढ़ती और किसान मिथिलेश मौर्या, रामजीवन धीवर, राधेश्याम पटेल, मनी यादव, पप्पू सिंह, अवधेश यादव, सोनू सरोज, आशीष सिंह, ग्राम प्रधान धीरेंद्र सिंह, समाजसेवी आशीष मौर्य, चंद्रशेखर पटेल, कपिलदेव सिंह, चंद्रशेखर यादव, जिलाध्यक्ष लाल बहादुर पटेल, विधानसभा अध्यक्ष सभाजीत पटेल, जिला पंचायत सदस्य ललई सरोज, चांदनी सरोज, योगेन्द्र पटेल, सुनील यादव, इन्द्रेश पटेल समेत अन्य क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।
बता दें कि इस नोनारी सब्जी मंडी में क्षेत्रीय किसान और व्यापारी के अलावा 25 से 30 किलोमीटर दूर-दूर से भी किसान और व्यापारी आते हैं। मंडी परिसर में बाउंड्रीवॉल न होने से किसानों को चोरी और छूटे पशुओं से छुटकारा मिलेगा। बारिश के दिनों में किचड़ और जलभराव की स्थिति हमेशा बनी रहती है जो इंटरलाकिंग और नाली बनने से किसानों को इस समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।