अखिलेश ने टोटी चोरी कांड को बनाया 2027 चुनाव का सियासी हथियार

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अखिलेश ने टोटी चोरी कांड को बनाया 2027 चुनाव का सियासी हथियार

संजय सक्सेना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर पुराना जख्म हरा हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘टोटी चोरी’ कांड को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया और पूर्व मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी व उनके ओएसडी अभिषेक कौशिक को इस मामले का मास्टरमाइंड बताया। उनके लिए यह मामला अब सिर्फ एक पुरानी कहानी नहीं, बल्कि व्यक्तिगत अपमान और सियासी साजिश का प्रतीक बन चुका है। अखिलेश ने साफ कहा, “मैं टोटी चोरी का मामला कभी नहीं भूल सकता।” यह मुद्दा अब 2027 के विधानसभा चुनाव की आहट में सपा के लिए एक बड़ा सियासी हथियार बन रहा है। आखिर यह ‘टोटी चोरी’ कांड 2017 में क्यों सुर्खियों में आया और आज भी अखिलेश यादव को क्यों सताता है।

बात 2017 की है। उस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा की हार हुई थी और अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री का पद छोड़कर लखनऊ का सरकारी आवास खाली करना पड़ा। आवास खाली करने के बाद खबरें फैलीं कि वहां से टोटियां, बिजली के फिक्सचर, नल-नलकियां और कुछ छोटी-मोटी चीजें गायब हैं। बीजेपी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उछाला और इसे सपा सरकार के भ्रष्टाचार का सबूत बताया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने जांच के आदेश दिए और मीडिया में ‘टोटी चोर’ जैसे शब्द गूंजने लगे। बीजेपी ने इसे सपा के ‘लूटतंत्र’ का प्रतीक बनाकर खूब प्रचार किया।

उस समय यह मामला इतना तूल पकड़ गया कि सोशल मीडिया से लेकर गली-मोहल्लों तक हर जगह इसकी चर्चा होने लगी। बीजेपी समर्थक इसे सपा की करतूत बताते थे, तो सपा कार्यकर्ता इसे बीजेपी की साजिश करार देते थे। अखिलेश ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया। उनका कहना था कि आवास में कोई कमी नहीं थी और सब कुछ जस का तस छोड़ा गया था। उन्होंने इसे बीजेपी की साजिश बताया, जिसका मकसद उनकी और सपा की छवि को खराब करना था। अखिलेश ने तत्कालीन मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और उनके ओएसडी अभिषेक कौशिक पर इस झूठी कहानी को गढ़ने और मीडिया में फैलाने का आरोप लगाया। उनके मुताबिक, बीजेपी ने उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए यह सब रचा। यह मामला उनके लिए इतना अपमानजनक था कि वह इसे बार-बार याद करते हैं।2025 में यह मुद्दा फिर से क्यों चर्चा में आया? दरअसल, हाल ही में बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने इस कांड को दोबारा उछाला और अखिलेश को ‘टोटी चोर’ कहा। जवाब में सपा छात्र सभा ने केतकी सिंह के घर पर प्रदर्शन किया। इसी का जवाब देने के लिए अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और बीजेपी पर जमकर बरसे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश का गुस्सा साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा, “मैं टोटी चोरी का मामला कभी नहीं भूल सकता। यह सब अवनीश अवस्थी और अभिषेक कौशिक ने करवाया। बीजेपी सरकार को समझ लेना चाहिए कि हम इसे भूलने वाले नहीं हैं।” उन्होंने दावा किया कि एक बड़े अखबार के स्टिंग ऑपरेशन में इस साजिश का खुलासा हो चुका है। अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि उनके घर को गंगाजल से धुलवाने की बात की गई, जो उनके सम्मान को चोट पहुंचाने की कोशिश थी। उन्होंने चेतावनी दी कि जब सरकार बदलेगी, तो इसका जवाब जरूर लिया जाएगा। यह बयान उनके व्यक्तिगत दर्द को दिखाता है और सपा कार्यकर्ताओं में जोश भर रहा है।

अवनीश अवस्थी और अभिषेक कौशिक कौन हैं, जिन पर अखिलेश इतना गुस्सा हैं? अवनीश अवस्थी एक आईएएस अधिकारी हैं, जो 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव थे। वह योगी सरकार के करीबी माने जाते थे और बाद में मुख्यमंत्री के सलाहकार भी बने। अभिषेक कौशिक उनके ओएसडी थे। अखिलेश का आरोप है कि इन दोनों ने मिलकर ‘टोटी चोरी’ की कहानी बनाई और इसे मीडिया में फैलाया। उन्होंने अभिषेक कौशिक पर ‘भागने’ का भी आरोप लगाया, जिसने सियासी हलकों में हलचल मचा दी। अखिलेश का कहना है कि बीजेपी ने इन अधिकारियों के जरिए सपा सरकार की उपलब्धियां, जैसे लैपटॉप वितरण, 108 एंबुलेंस सेवा, डायल 100 और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसी योजनाओं को दबाने की कोशिश की। अवनीश अवस्थी अब रिटायर्ड हैं, लेकिन उनकी भूमिका पर सवाल उठते रहते हैं।

यह मामला अब सिर्फ टोटी चोरी तक सीमित नहीं है। अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी की ‘चुनावी तिकड़ी’ का जिक्र किया  अधिकारी, सरकार और चुनाव आयोग। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग ही धोखा दे, तो जनता कहां जाए? उनका इशारा बिहार चुनाव में ‘वोट चोरी’ के आरोपों की ओर था। अखिलेश ने जीएसटी दरों में कटौती को बिहार चुनाव का स्टंट बताया और कहा कि इससे मुनाफाखोरी नहीं रुकेगी। उन्होंने शिक्षक दिवस पर वादा किया कि सपा सरकार बनेगी, तो अच्छी शिक्षा और सम्मानजनक नौकरियां दी जाएंगी।बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार 27 हजार प्राइमरी स्कूल बंद कर चुकी है और 69 हजार शिक्षक भर्ती के उम्मीदवार सड़कों पर हैं। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी शिक्षा को बर्बाद कर रही है, ताकि लोग सवाल न उठाएं। अखिलेश ने बाराबंकी में एबीवीपी कार्यकर्ताओं की पिटाई का जिक्र कर बीजेपी पर तंज कसा। उन्होंने एबीवीपी को ‘अखिल भारतीय वीडियो ऑफ पिटाई’ कहा और व्यंग्य किया कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के संगठन के लोग दुखी हैं। मंत्री ओम प्रकाश राजभर के घर पर प्रदर्शन को लेकर भी उन्होंने तंज कसा।

जन्माष्टमी से उन्होंने बीजेपी सरकार की उल्टी गिनती शुरू कर दी है  अब सिर्फ 493 दिन बचे हैं। यह बयान सपा कार्यकर्ताओं में जोश भर रहा है और जनता को याद दिला रहा है कि सपा की सरकार में विकास हुआ था, जबकि बीजेपी सिर्फ साजिशें रच रही है एक और बात ने इस मामले को और हवा दी। अखिलेश के काफिले की गाड़ियों पर 8 लाख रुपये का चालान काटा गया। उन्होंने इसे बीजेपी का राजनीतिक बदला बताया और कहा कि चालान व्यवस्था बीजेपी के कब्जे में है। वह इसका पता लगाएंगे। यह मुद्दा भी ‘टोटी चोरी’ से जुड़कर बीजेपी की साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें अखिलेश के आवास खाली करने के बाद की फुटेज दिखाई जा रही है, जिसमें सब कुछ सही-सलामत नजर आता है। सपा कार्यकर्ता इसे बीजेपी की साजिश का सबूत बता रहे हैं।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अखिलेश का यह हमला सोची-समझी रणनीति है। 2027 का विधानसभा चुनाव नजदीक है और सपा ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। ‘टोटी चोरी’ को उठाकर अखिलेश बीजेपी को उनकी पुरानी रणनीतियां याद दिला रहे हैं और जनता के सामने उनकी साजिश कारी छवि पेश कर रहे हैं। यह मुद्दा सपा समर्थकों को एकजुट कर रहा है। बीजेपी की ओर से अभी कोई तीखा जवाब नहीं आया, लेकिन केतकी सिंह जैसे नेता इसे और हवा दे सकते हैं। बिहार में ‘नल चोरी’ और ‘वोट चोरी’ के आरोपों से भी यह जुड़ रहा है, जहां अखिलेश 5 करोड़ का मानहानि दावा करने की बात कर रहे हैं।

अखिलेश के लिए यह मामला सिर्फ सियासी नहीं, बल्कि निजी अपमान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन जनता सब जानती है। सपा की उपलब्धियों को गिनाते हुए वह बीजेपी को घेर रहे हैं। शिक्षा, रोजगार और चुनावी धांधली जैसे मुद्दों को जोड़कर वह दबाव बना रहे हैं। यह सियासी जंग अब और तेज होने वाली है। जैसे-जैसे 2027 नजदीक आएगा, ऐसे मुद्दे और उभरेंगे। जनता देख रही है कि कौन सच बोल रहा है और कौन साजिश रच रहा है। अखिलेश का यह हमला बीजेपी को असहज कर रहा है और सपा को मजबूत बना रहा है। क्या यह 2027 में सियासी बाजी पलट देगा? यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल उत्तर प्रदेश की सियासत में तूफान मचा हुआ है।


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