चौकियां धाम, जौनपुर। हरितालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि में शीतला चौकियां धाम में व्रती महिलाओं ने माला, फूल, फल प्रसाद, सोलह श्रृंगार, सामग्री थाल सजाकर मातारानी के दरबार में दर्शन पूजन पूजन किया। हरितालिका तीज व्रत पूजन को सुहाग का पर्व भी कहते हैं। पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए सुहागिन निर्जल और निराहार रहकर इस पर्व को विधि विधान करती है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसी दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से पति की लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। यह व्रत पति के सुख समृद्धि धन यस वैभव और सौभाग्य के लिए किया जाता है जिसमें महिलाएं 24 घंटे का उपवास रखती हैं।