- तहसील परिसर में नारेबाजी करते हुये न्यायिक कार्य किया ठप
शोहरत अली
मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को प्रातःकाल अधिवक्ताओं ने प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की और अदालती काम ठप रहा। दोपहर में बार की बैठक में अध्यक्ष द्वारा बिना वार्ता किये मामले को हल करने के लिखित पत्र देने पर अधिवक्ताओं ने आक्रोश जताया। बैठक में भ्रष्टाचार समाप्त करने के मुद्दे पर वार्ता करने से अधिकारियों द्वारा इनकार करने पर हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि अधिकारी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के बजाय भ्रष्टाचार को उजागर करने वालों पर लगाम लगाने का प्रयास कर रहे हैं जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के विपरीत है। इसी क्रम में खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकारों पर की गयी कार्यवाही की निन्दा की गयी। तहसील में हर कार्यालय में काम के बदले दाम की कायम परम्परा को खत्म करने के लिये वार्ता करने का निर्णय लिया गया है। बार अध्यक्ष को प्रतिनिधिमण्डल के साथ जाकर वृहस्पतिवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से वार्ता करने के लिये अधिकृत किया गया है। वार्ता के प्रस्ताव को ठुकराने पर हड़ताल करने का फैसला लिया गया है।
इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चन्द्र सिन्हा, हरिनायक तिवारी, अशोक श्रीवास्तव, रघुनाथ प्रसाद, भरत लाल, राम आसरे द्विवेदी, प्रेम बिहारी यादव, आलोक विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, भारत सिंह, वेद प्रकाश श्रीवास्तव, सतीश कुमार, दयाराम पाल, जितेन्द्र श्रीवास्तव, रमाशंकर, महेन्द्र श्रीवास्तव सहित अन्य ने अपना विचार व्यक्त किया। अध्यक्षता बार अध्यक्ष हुबेदार पटेल और संचालन महामंत्री नन्दलाल यादव ने किया।
वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुमार सौरभ का प्रदर्शन के बाबत कहना है कि प्रदर्शन बार अध्यक्ष हुबेदार पटेल के विरोध में हुआ है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई प्रदर्शन नहीं किया गया है।
अधिवक्ताओं ने लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ पर आघात करने के लिये की प्रशासन की आलोचना
मछलीशहर अधिवक्ता संघ के सभागार में हुई हंगामी बैठक में स्थानीय प्रशासन पर लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ मीडिया पर दबाव बनाने के लिए प्रशासन की कड़ी आलोचना किया। अधिवक्ता और पत्रकार एकता जिंदाबाद के भी नारे भी वकीलों ने लगाये। बैठक में मौजूद अधिवक्ताओं ने कहा कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पत्रकारों को लिखित नोटिस देकर पूछा गया कि आप लोग तहसील में भ्रष्टाचार की खबरें तथ्यहीन और भ्रामक छाप रहे हैं। ऐसा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का कहना है। इससे शासन की छवि धूमिल हो रही है। नोटिस पत्रकार रमाशंकर शुक्ल, पत्रकार मनोज तिवारी और पत्रकार विपिन मौर्य को भेजी गयी। इसी बीच पता चला कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा अधिवक्ताओं पर खबरों का खंडन करने का दावा बनाये जाने लगा।
मौके पर गये अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधिमण्डल से उन्होंने कहा कि पहले तहसील में जो भ्रष्टाचार सम्बन्धी समाचार छपा है, उसका पहले खंडन निकलवाइये तब हम भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बात करेंगे। गुरूवार को अधिवक्ता संघ की हुई बैठक में अधिवक्ताओं ने बार अध्यक्ष और महामंत्री पर चुपचाप बिना अधिवक्ताओं को विश्वास में लिये खण्डन देने का आरोप लगाते हुये हंगामा भी किया। मौजूद सैकड़ों अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रशासन भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करने के बजाय लोकतंत्र को दबाने पर लगा है। अधिवक्ता विनय पाण्डेय ने कहा कि निश्चित तौर पर यह नोटिस लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ को जबरन दबाने का प्रयास है।
आलोक विश्वकर्मा ने कहा कि 2000 रिश्वत मांगने की बात अधिवक्ताओं ने ही पत्रकारों को ज्ञापन के साथ दी थी तो इसमें फिर अध्यक्ष और महामंत्री द्वारा कैसे किया गया? वहीं अध्यक्ष खूब लाल पटेल ने कहा कि उन्होंने कोई खंडन नहीं दिया है। सिर्फ इतना लिखकर दिया है कि अधिवक्ता संघ द्वारा अधिकृत तौर पर कोई समाचार पत्रकारों को नहीं दिया गया जबकि वहीं पर मौजूद दर्जनों युवा अधिवक्ताओं ने खुलकर कहा कि उन लोगों ने पत्रकारों को बुलाकर तहसील में हो रहे भ्रष्टाचार की बात बताया और अधिवक्ताओं के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भी पत्रकारों को दिया गया।
पूर्व उपाध्यक्ष हरिशंकर यादव ने कहा कि सीधे-सीधे मीडिया की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। जबरन अधिवक्ताओं पर दबाव डालकर का खंडन लिखवाया जा रहा है। अधिवक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि लगभग सभी अधिकारी शासन-प्रशासन छवि धूमिल कर रहे हैं और भ्रष्टाचार को रोकने की बजाय चतुर्थ स्तम्भ पर ही आघात कर रहे हैं।
अधिवक्ता संघ ने वार्ता का भेजा लिखित प्रस्ताव
बार-बेंच में वार्ता सम्पन्न होने तक न्यायिक कार्य स्थगित करने की घोषणा
बुधवार को बार की हुई बैठक के बाद वृहस्पतिवार को संगठन के अध्यक्ष हुबेदार पटेल और महामंत्री नन्द लाल यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों को वार्ता करने का लिखित प्रस्ताव भेजा। बार—बेंच के बीच वार्ता सम्पन्न होने के बाद ही अदालती काम करने की घोषणा अपने पत्र में की है। वृहस्पतिवार को उक्त पदाधिकारियों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुमार सौरभ, उपजिलाधिकारी न्यायिक, तहसीलदार, समस्त नायब तहसीलदार को सूचनार्थ पत्र भेजकर बार द्वारा विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करने की पेशकश की है। वार्ता होने तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया है। वृहस्पतिवार को अदालती कार्य ठप रहा। वादकारियों को सभी मुकदमों में अग्रिम तिथि दे दी गई। बहरहाल अभी तक वार्ता के लिए कोई तिथि निश्चित नहीं हो सकी है।
सरकार की बदनामी बर्दाश्त नहीं: सांसद
राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने लगातार छप रही भ्रष्टाचार सम्बन्धित खबरों को गम्भीरता से संज्ञान में लेते हुये कहा कि मुख्यमंत्री जी पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर बेहद संवेदनशील है। तहसील में भ्रष्टाचार की खबर लगातार समाचार पत्र में आ रही है जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के शासन में मीडिया की आवाज नहीं दबा सकता है। पत्रकारों को जो नोटिस प्रशासन द्वारा भेजा गया है, उसे भी संज्ञान में लेते हुए मामले को बेहद संवेदनशील बताया। शीघ्र ही जांच कराकर इस पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।