- इस वर्ष अब तक 11 मरीजों की हो चुकी पहचान
- बीते वर्ष अगस्त माह तक मिले थे 26 मरीज
सुनील शर्मा
जौनपुर। जिले में डेंगू ने दस्तक दे दी है जिसको देखते हुए विभाग सतर्क हो गया है। जनवरी से अब तक 11 मरीजों की पहचान हो चुुकी है। हालांकि वर्ष 2024 की अपेक्षा अब तक संख्या कम है। डेंगू मरीजों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में अलग से वार्ड भी बना दिया गया है। विभाग की सतर्कता के चलते वर्ष दर वर्ष मरीजों की संख्या घटती ही चली गई है।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील यादव बताते हैं कि अभी बरसात रुक रुक कर हो रही है। जगह—जगह जलपात्रों में पानी रुकेगा जिससे आने वाले महीनों में डेंगू मरीज बढ़ने की संभावना है। डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम स्तर पर आशा एवं नगर पालिका जौनपुर में आशा और डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर डेंगू, चिकुन गुनिया के कारण, लक्षण बचाव, जांच, उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। कूलर, फ्रिज की ट्रे का पानी हर सप्ताह बदलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
इसके अलावा पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने, साफ सफाई रखने, बुखार के लक्षण देखते ही जांच उपचार कराने की अपील की जा रही है। मलेरिया फाइलेरिया फील्ड स्टाफ द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में एंटीलार्वा स्प्रे कराया जा रहा है। अभियान चलाकर डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर और मलेरिया फाइलेरिया स्टॉफ द्वारा मच्छर प्रजनन स्रोतों को चिन्हित कर निष्प्रयोज्य कराया जा रहा है।शहर के विभिन्न स्थानों पर डेंगू, मलेरिया जागरूकता पोस्टर लगाने के साथ पैंफलेट वितरित किया गया। जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर तैयारियां की गई हैं।
डीएमओ ने बताया कि जिला चिकित्सालय में डेंगू हेतु 25 आइसोलेटेड वार्ड की व्यवस्था है। डेंगू की जांच के लिए एलिजा मशीन, एलिजा टेस्ट कीट के साथ जीवन रक्षक दवाइयां, उपकरण उपलब्ध हैं। सभी सीएचसी और पीएचसी पर भी डेंगू वार्ड, जांच किट, दवा उपलब्ध है। रैपिड रेस्पॉन्स टीमें गठित की गई हैं।
डेंगू के लक्षण:- हड्डियों, जोड़ो, सिर व बदन में दर्द के साथ बुखार आना।
शरीर पर चकत्ते पड़ना। डीहाइड्रेशन का होना। कंपकपी ठंडक लग कर बुखार आना। उल्टी मिताली का आना।
बचाव:- नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर समय से जांच उपचार कराएं। बुखार की स्थिति में घबराएं नहीं। पूरी तरह से आराम करें। तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ओआरएस घोले का उपयोग करें। ताजे फल सब्जियों का सेवन करें। तले भुने गरिष्ठ भोजन से परहेज करें।