Jaunpur News: राष्ट्र के पुर्नर्निर्माण में युवाओं को अच्छे साहित्य जोड़े: प्रो. मिथलेश

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Jaunpur News: राष्ट्र के पुर्नर्निर्माण में युवाओं को अच्छे साहित्य जोड़े: प्रो. मिथलेश
  • सोशल मीडिया के चलते साहित्य से दूर हो रहे हैं युवा: प्रो. हरिओम
  • अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने किया संगोष्ठी का आयोजन

शुभांशू जायसवाल

जौनपुर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद जौनपुर ने टीडी पीजी कॉलेज के समाज शास्त्र विभाग में संगोष्ठी का आयोजन किया जहां युवाओं के साहित्य के प्रति विमुख होने के विषय पर लोगों ने प्रकाश डाला।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से युवाओं के अच्छे साहित्य के प्रति विमुख होने के विषय पर संगोष्ठी  आयोजित की गई। मुख्य अतिथि काशी प्रांत के अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष प्रो. मिथलेश त्रिपाठी ने कहा कि आज समाज के युवा अच्छे साहित्य से विमुख होते जा रहे हैं। आवश्यकता है कि राष्ट्र के पुर्न:निर्माण में हम युवाओं को अच्छे साहित्य से जोड़ने की जरूरत है।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अरूण मिश्रा ने कहा कि समाज में यदि स्वस्थ जीवन शैली प्राप्त करना है तो भारतीय सनातन संस्कृति का अध्ययन करना जरूरी हो जाता है। अध्यक्षता कर रहे पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर राम आसरे सिंह ने कहा कि साहित्य समाज के उत्थान एवं उत्कर्ष का प्रेरणा का स्रोत है। साहित्य के अध्ययन के बिना मनुष्य मानवता का पोषक नहीं बन सकता है। कार्यक्रम संयोजक समाज शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. हरिओम त्रिपाठी ने कहा कि आज भारतीय जनमानस सोशल मीडिया के दौर में भारतीय साहित्य से विमुख हो रहा है। यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता का उत्थान में बाधक होता जा रहे है।

राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय के शिक्षा संकाय विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी मिश्रा ने कहा कि साहित्य समता समाज समानता की भावना समझ में प्ररिलक्षित करता है। इसके अलावा अन्य लोगों ने अपने विचार विमुख व्यक्त किया।कार्यक्रम का संचालन राज कालेज संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम सुंदर उपाध्याय ने किया। आभार गौरीशंकर संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनय त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण उपाध्याय, श्याम सुंदर शुक्ला, डॉ. रविकांत सिंह, डॉ पूनम मिश्रा, रविंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।


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