- कहा- सीधे मौत को आमंत्रण दे रहे खुले नाले व मेन होल
जौनपुर। स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने पत्रकारों से वार्ता करते हुये कहा कि शहर में जगह—जगह गुणवत्ताहीन सड़कें व खुले नाले सीधे आमजन को मौत का निमंत्रण दे रहे हैं। आये दिन जगह—जगह सड़कें धंस जा रही हैं जिसमें रोज़ाना कोई न कोई घायल होता रहता है। विगत दिनों 2 लोगों की करेंट से मौत के बाद खुले नाले में बह जाने की घटना ने समूचे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया और जिम्मेदारों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि नमामि गंगे व अमृत योजना के इस गम्भीर भ्रष्टाचार की भेंट आखिर आमजन कब तक चढ़ते रहेंगे? कब होगी इनके दोषियों पर सख्त कार्यवाही? हर बार ऐसे लोगों का संरक्षण करने वालों को जनता बखूबी पहचान चुकी है। यदि इस बार दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन अवश्यम्भावी होगा।
श्री गुप्ता ने कहा कि पिछले वर्ष जौनपुर दौरे पर आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदारों द्वारा फर्जी तरीके से यह बताया गया कि शहर के 12 नाले पूरी तरह से टैप कर लिये गये हैं और उनका पानी अब गोमती में न जाकर एसटीपी में जाता है। ऐसे में पिछले दिनों नाले में बहे 2 लोगों के शव नाले से होकर गोमती किनारे पर मिलना यह स्पष्ट करता है कि नाले व उसका पानी अभी भी सीधे गोमती में ही गिर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि खुले नालों से किसी घटना को रोके जाने हेतु न वहां बैरिकेटिंग जैसा कोई प्रावधान है और न ही नालों के मुहाने पर कोई जाली लगाई गई है। एक बार यदि आप उसमें फिसले तो फिर सीधे गोमती में ही मिलेंगे। चूंकि घटनास्थल के इलाके में सीवर बिछाने का कार्य सम्पूर्ण हो चुका है। ऐसे में पिछले दिन हुई घटना की समस्त ज़िम्मेदारी नमामि गंगे, जल निगम व बिजली विभाग के लोगों की है जिनकी संवेदनहीन कार्यशैली ने 3 लोगों को मौत के मुंह में पहुंचा दिया। वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित उनके अधीनस्थ, नगर पालिका परिषद के सफाईकर्मी, एनडीआरएफ के जवान सराहना के पात्र हैं जिनके 30 घण्टे के मैराथन प्रयासों से शव बरामद किये जा सके।