Jaunpur News: आवारा कुत्तों का आतंक, हर दिन 115 लोग पहुंच रहे अस्पताल

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Jaunpur News: आवारा कुत्तों का आतंक, हर दिन 115 लोग पहुंच रहे अस्पताल
  • एक माह में 2235 और साल भर में 15,634 लोगों को लग चुका है रैबीज इंजेक्शन

शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय तहसील क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हालत यह है कि लोग घर से बाहर निकलने से पहले भी डर के साये में रहते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शाहगंज, सोंधी, खुटहन और सुइथाकलां क्षेत्र में प्रतिदिन औसतन 115 लोग कुत्तों के काटने के शिकार बन रहे हैं। इन्हें अस्पताल पहुंचकर रैबीज का इंजेक्शन लगवाना पड़ रहा है।

पिछले एक माह के भीतर ही 2235 लोग कुत्तों के काटने से पीड़ित हुए। वहीं पूरे वर्ष में यह आंकड़ा 15,634 तक पहुंच गया है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन और नगर निकायों की तरफ से अब तक आवारा कुत्तों पर रोकथाम या नसबंदी जैसी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोग आवारा कुत्तों से परेशान हैं। रात के समय झुंड बनाकर निकलने वाले कुत्तों से राहगीर खौफजदा रहते हैं। कई बार बच्चे और बुजुर्ग इनका शिकार हो चुके हैं।

शाहगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डाक्टर रफीक फारुकी के अनुसार प्रतिनिधि 25 से 30 लोगों को कुत्ते का इंजेक्शन लगाया जाता वही आंकडा एक माह में 650 और सालभर मे 7700 तक पहुंच जाता है। सोंधी ब्लाक के अधीक्षक डाक्टर सूर्य प्रकाश के अनुसार प्रतिदन 25 से 30 लोगों को इंजेक्शन लगाया जाता है। वहीं एक माह में 275 और साल का 2485 लोगों को लगाया जाता है

खुटहन के अधीक्षक डाक्टर आरिफ खान के मुताबिक प्रतिदन 25 से 30 लोग और एक माह में 310 सालभर मे 4451 लोगो को इंजेक्शन लगाया जाता है। सुइथाकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डाक्टर विक्रम गुप्ता के मुताबिक प्रतिदन 40 से 50 लोगो को कुत्ते का इंजेक्शन लगाया जाता है। एक महिने मे यह आंकडा 1000 तक पहुंचता है और सालभर मे 12 हजार हो जाता है।

इस संबंध में अधिशासी अधिकारी प्रदीप गिरी ने बताया कि अपरजिलाधिकारी द्वारा एक बैठकर कर नगर पालिका को आदेशित किया है कि आवारा कुत्तों को संज्ञान में लेकर उसपर कार्यवाई की जाए। लोगों का कहना है कि प्रशासन और नगर पालिका सिर्फ कागजों में कार्रवाई दिखाती है, जमीनी हकीकत में कोई सुधार नहीं है। पीड़ितों ने मांग की है कि जल्द ही आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी कराने की ठोस व्यवस्था हो, ताकि बढ़ते आतंक से राहत मिल सके।

बचाव को लेकर बोले अधीक्षक डाक्टर रफीक फारुकी आवारा कुत्तों को पकडकर नसबंदी कराया जाए। नसबंदी होने से कुत्ते की संख्या कम हो जाएगी और आमजन मानस को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि अगर कोई कुत्ता किसी को काटता है तो वह पहले लाइफब्वाय साबुन लेकर उक्त जगह पर खूब धोए ताकि उसका असर कम हो। उसके बाद टिटबैक का इंजेक्शन लगवाए। फिर रैबीज का इंजेक्शन लगवाए जिससे उसका बचाव हो सके।


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