- पालिका की उदासीनता से कचरा निस्तारण प्रभावित
- रविवार के साथ सप्ताह में कई अतिरिक्त छुट्टियां
- वार्डों में कूड़े के ढेर और बढ़ती दुर्गंध से लोग परेशान
सुशील स्वामी
जौनपुर। नगर पालिका परिषद जौनपुर द्वारा घर–घर कूड़ा संग्रहण का कार्य निजी ठेकेदार को सौंपे जाने के बाद भी स्वच्छता व्यवस्था अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रही है। शहर के विभिन्न वार्डों से लगातार यह शिकायत मिल रही है कि ठेकेदार प्रतिमाह निर्धारित शुल्क की वसूली तो नियमित करता है लेकिन सेवा प्रदान करने में गंभीर लापरवाही बरत रहा है।
नागरिकों के अनुसार ठेकेदार द्वारा प्रत्येक रविवार को अवकाश घोषित कर दिया जाता है और सप्ताह के बीच में भी दो–तीन अतिरिक्त छुट्टियाँ लेकर कचरा उठाने का काम बंद कर दिया जाता है। इस अनियमितता के कारण कई मोहल्लों, गलियों और मुख्य सड़कों पर कूड़ा दिनों तक जमा रहता है, जिससे दुर्गंध, गंदगी और बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ गई है। कई क्षेत्रों में हालात ऐसे हैं कि राहगीरों को कचरे के ढेरों के बीच से होकर गुजरने तक की मजबूरी पैदा हो गई है।
विशेषज्ञों एवं नागरिक संगठनों का कहना है कि इतनी महत्वपूर्ण सेवा में ढिलाई नगर पालिका परिषद की निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े करती है। वर्तमान स्थिति संकेत देती है कि ठेकेदार की गतिविधियों की न समय पर समीक्षा हो रही है और न ही अनुबंध की शर्तों का पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। नगर निकाय अधिनियम के अनुसार नगर पालिका का यह स्पष्ट दायित्व है कि कचरा संग्रहण सेवा बिना किसी बाधा के निरंतर और प्रभावी ढंग से संचालित हो।
नागरिकों ने परिषद से मांग किया कि सभी वार्डों में स्वच्छता व्यवस्था की तत्काल समीक्षा की जाए, ठेकेदार की जवाबदेही तय की जाए तथा आवश्यकता पड़ने पर अनुबंध में संशोधन या वैकल्पिक व्यवस्था पर भी विचार किया जाय। शहरवासियों का कहना है कि शुल्क लेकर सेवा बंद करना या मनमाने अवकाश लेना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है और नगर पालिका को इस पर कठोर कदम उठाने चाहिये।
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