बृजेश यादव
खुटहन, जौनपुर। अन्तरराष्ट्रीय कथा वाचिका दीदी ऋचा मिश्रा ने कहा कि भगवान की समीक्षा और परीक्षा नहीं उनकी प्रतीक्षा करिए। सच्चे मन से उनका स्मरण करते रहेंगे तो उनकी कृपा दृष्टि आप पर अवश्य पड़ेगी। उक्त बातें उन्होंने उसरौली शहाबुदीनपुर गांव में आयोजित साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान में सोमवार को उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि हम चोरी छिपे जो गलतियां करते हैं। समाज से बच गए तो समझते हैं कि कोई नहीं जान पाया। यह हमारी सबसे बड़ी भूल है। ईश्वर हमारे हर कर्मों को जानता है। उसी के आधार पर फल देता है, इसलिए हमेशा सद्कर्म कीजिए। उन्होंने कहा कि हम भगवान से ऐश्वर्य के लिए पैसा मांगते हैं, अपने कुटुम्ब के लिए सुख मांगते हैं, बच्चों के लिए अच्छी नौकरी या व्यवसाय मांगते हैं। वह सब मिल गया तो हम खुद को खुशहाल समझ लेते हैं। यही मिनव की सबसे बड़ी भूल है। उसे ईश्वर से सबसे पहले अपनी मुक्ति के लिए आशीष मांगना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हिंसा से बढ़कर कोई पाप और अहिंसा से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है। किसी को कष्ट देकर खुद आनंद महसूस होना यह महापाप की श्रेणी में आता है। वहीं किसी के दुःख को बांटने का प्रयास मात्र ही महान पुण्य है। अपने आचरण से किसी के चेहरे पर ख़ुशी लाना किसी तपस्या से कम नहीं होता। जो दूसरों को सुख देनता है, भगवान उसे कभी दुख नहीं देता।
इस अवसर पर मुख्य यजमान महंथ राज मिश्रा, द्रोपदी मिश्रा, अवनीश पाण्डेय, मयाशंकर तिवारी, हरिवंश मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार डा. मधुकर तिवारी, प्रणय तिवारी, आदेश मिश्रा, राजू सिंह, रंजीत सिंह, संतोष शर्मा, संतोष तिवारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। आयोजक युवा भाजपा नेता राजन मिश्रा ने आगंतुकों के प्रति आभार जताया।
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