विकास यादव
नौपेड़वा, जौनपुर। बक्शा क्षेत्र के सुंगुलपुर गांव में आचार्य राजेश्वर प्रसाद मिश्र ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता जीवन का सार है। भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य के मोक्ष का रास्ता प्रशस्त होता है। श्री मिश्र उक्त गांव निवासी मुख्य यजमान डॉ. राजमणि मिश्र के यहाँ आयोजित सात दिवसीय कथा के चौथे दिन सोमवार की रात्रि कही।
उन्होंने आगे कहा कि बड़े भाग्य से मानव जीवन प्राप्त हुआ है। श्रीमद्भागवत पुराण को मोक्ष ग्रंथ भी माना गया है। आचार्य ने नैमिषारण्य तीर्थ का उल्लेख करते हुए कहा कि 5 हजार साल पहले कथा सुनने का सौभाग्य शुक तीर्थ में राजा परीक्षित को हुआ था जो सिलसिला आज भी चलता आ रहा है। यह कथा कोटि कोटि लोगो को मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
आचार्य जी ने राजा बलि और बामन की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान विष्णु के पांचवें अवतार बामन की है जिन्होंने राजा बलि को उनके दान की परीक्षा लेने के लिये एक छोटे से ब्राह्मण रूप में अवतार लिया था। इस कथा से यह शिक्षा मिलती है कि दान और त्याग की भावना से बड़ा से बड़ा कार्य किया जा सकता है।
इस अवसर पर यजमान सत्यवती मिश्रा, शेषमणि, उर्मिला मिश्रा, कमलेश, बीना मिश्रा, स्वतंत्र पूनम मिश्रा, सर्वेंद्र श्रुति मिश्रा, मिथिलेश, मधुरेश मिश्रा, डॉ. संतोष तिवारी, मध्यमा तिवारी, अवधेश मिश्रा, कृष्ण कुमार, ममता मिश्रा, सत्येंद्र उपाध्याय, डॉ. समर बहादुर सिंह सहित सैकड़ों भक्तजन मौजूद रहें।
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