शोहरत अली
मछलीशहर, जौनपुर। आदर्श रामलीला समिति कुरनी समाधगंज में चल रहे रामलीला में चौथे दिन शुक्रवार को महाराजा दशरथ गुरु वशिष्ठ से सलाह मशविरा लेकर राम के राजतिलक की तैयारी शुरू कर देते हैं जिसे देख देवताओं में हड़कंप मच जाता है, देवताओं के अनुरोध पर माता सरस्वती मंथरा के जिह्वा पर विराजमान हो जाती हैं। मंथरा ने कैकेई के दो वरदानों को याद दिलाया।
मंथरा की सलाह पर कैकेई कोप भवन में चली जाती हैं। महाराज दशरथ के आने पर कैकेई पहले वरदान में राम की जगह भरत को राजगद्दी और राम को चौदह वर्षों का वनवास मांगती है। जिसे सुनकर दशरथ की रूह कांप गई और वे तड़प कर जमीन पर गिर पड़े। कैकेई ने सारा वृतांत राम को सुनाया।
श्री राम सहर्ष वन जाने को तैयार हो जाते हैं। श्री राम के साथ लक्ष्मण जी, माता सीता को वन जाता देख दर्शक भाव विभोर हो गए और उनके आंखो से आंसू टपकने लगे।
प्रबंधक राजन सिंह ने बताया कि श्री राम का अभिनय डॉ. अंकित सिंह, लक्ष्मण जी का यशवीर सिंह, माता सीता का हर्ष पांडे, दशरथ का राजेंद्र सिंह प्राचार्य, जनक का सर्वविजय सिंह, कैकेई का अजीत श्रीवास्तव, मंथरा का अभिनय धनिष सिंह ने किया। संचालन राकेश मिश्रा मंगला गुरु ने किया। इस अवसर पर अध्यक्ष रमेश सिंह, डायरेक्टर अवनेंद्र सिंह, राहुल अग्रहरि, कोषाध्यक्ष विशाल सिंह, उप प्रबंधक आवेश सिंह मिक्की, राहुल सिंह आदि उपस्थित रहे।
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