- कम पानी में धान की फसल व उर्वराशक्ति बढ़ाने के दिये टिप्स
विकास यादव
नौपेड़वा, जौनपुर। बक्शा विकास खण्ड के बबुरा गांव में प्रगतिशील किसान पूर्व प्रधान रामजस यादव के आवास पर सोमवार को किसान गोष्ठी का आयोजन हुआ। किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में किसान क्राफ्ट लिमिटेड ने सूखे सीधे बीज वाले धान (ड्राई डायरेक्ट सीडेड राइस डीएसआर) पर एक तकनीकी प्रदर्शनी भी आयोजित किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को डीएसआर तकनीक के लाभों से परिचित कराना और धान की खेती में पानी की कम बचत व लागत में कमी के उपायों पर जागरूक करना था।
इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं बक्शा कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कन्नौजिया ने कहा कि धान की खेती भारत की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाती है लेकिन घटते जलस्तर और बढ़ती लागत किसानों के सामने चुनौती बन रही है। डीएसआर तकनीक से किसान समान उत्पादन के साथ 50 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकते हैं। किसान क्राफ्ट के आरएसडी हेड सीड्स डॉ. सुमंत होल्ला ने बताया कि सूखे सीधे बीज वाले धान के उपयोग से किसान मिट्टी की उर्वरता के अनुसार बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं। यह तकनीक पारंपरिक धान की तुलना में कम खर्चीली के साथ स्वाद में कोई अंतर नहीं आता।
असिस्टेंट मैनेजर आलोक जैन ने कहा कि डीएसआर तकनीक से नर्सरी, पोखरिंग, समतलीकरण और रोपाई की आवश्यकता समाप्त हो जाती है जिससे श्रम लागत में भारी कमी आती है। यह पर्यावरण के अनुकूल है, क्योंकि इसमें मीथेन उत्सर्जन कम होता साथ ही साथ कीटों व बीमारियों का प्रकोप भी घटता है। वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह ने कहा कि लो-मीथेन धान के एक हिस्से के रूप में यूपी में डीएसआर खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह न केवल पानी की बचत करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान देती है। किसान क्राफ्ट के सेल्स मैनेजर रत्नेश विश्वकर्मा ने बताया कि कंपनी एक आईएसओ प्रमाणित निर्माता एवं थोक आयातक और उच्च गुणवत्ता वाले कृषि उपकरणों का वितरक है। देश भर में 5000 से अधिक डीलरों, एक विनिर्माण इकाई और 14 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से किसानक्राफ्ट सीमांत किसानों की पैदावार बढ़ाने और उनकी आजीविका में सुधार के लिए कार्यरत है।
इस मौके पर बड़ी संख्या में किसानों को डीएसआर तकनीक के व्यावहारिक लाभों को प्रत्यक्ष रूप से दिखाया गया। इस अवसर पर एडीओ एजी अनुराग सिंह, डॉ. रूपेश सिंह, त्रिभुवन सिंह, लालचंद यादव, रामजस यादव, रविन्द्र यादव, अशोक यादव, पंचकेश्वर सिंह, अरुण सिंह, प्रवीन सरोज, मुकेश शर्मा, दुर्गा मौर्या सहित तमाम प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।
.jpg)






