- पंकज जी महाराज ने दिये आध्यात्मिक ज्ञान के अमृत वचन
- धरौरा में आयोजित सत्संग में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
अरविन्द यादव
केराकत, जौनपुर। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था की 122 दिवसीय शाकाहार-सदाचार मद्यनिशेध आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा ने रैक्ल ब्रह्म बाबा मैदान धरौरा में सोमवार की सायंकाल इक्तालिसवां पड़ाव डाला। यहां आयोजित सत्संग संदेष में पंकज जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन बहुत अनमोल है, इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए। प्रभु की प्राप्ति करने वाले किसी सन्त सत्गुरु की तलाष करें और उनकी दी हुई साधना को करके अपना कल्याण करा लें।
पंकज जी महाराज ने कहा कि कलियुग में गृहस्थ आश्रम पर रहकर भी सुरत शब्द योग (नाम योग) की साधना की जा सकती है। समय आ गया है कि हम परस्पर प्रेम सद्भाव से रहने की आवश्यकता है। एक-दूसरे की निःस्वार्थ भाव से सेवा करने और प्रेम, दया, करुणा आदि मानवीय गुणों को अपनाने की जरूरत है।
अपने दो घण्टे के प्रवचन में पंकज जी महाराज ने लोगों को अध्यात्मवाद के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाष डाला और साधना करने की विधि बताई। समर्थ सत्गुरु की कृपा से हम इसी मानव शरीर में रहते हुये ऊपरी मण्डलों का सफर करके पुनः अपने शरीर में वापस आ सकते हैं और हमारा जीवन धन्य हो जायेगा। इस अवसर पर तमाम लोगों की उपस्थिति रही।