- पूजा कमेटियों के पदाधिकारी मतदान करके चुनेंगे महासमिति का अध्यक्ष
मछलीशहर, जौनपुर। महासमिति न्यास का गठन होने के साथ ही अध्यक्ष पद के लिए होने वाला विवाद खत्म हो गया है। नये नियम के अनुसार मेला कमेटी के अध्यक्ष और महामंत्री महासमिति के अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करेंगे। बाकी न्यास के सदस्य मतदान में भाग नहीं लेगे।
न्यास समिति का गठन कर महासमिति के अध्यक्ष के पद पर चयन को लेकर वर्षों से हो रहे विवाद को महासमिति के संस्थापक दिनेश चंद्र सिन्हा द्वारा पूर्ण विराम लगा दिया है। मुख्य न्यासी श्री सिन्हा ने बताया कि यह नियम बिल्कुल साफ नियत से विवाद रहित बनाया गया है। महासमिति अध्यक्ष का चुनाव हो, इस लिहाज से इस न्यास का गठन किया गया है। न्यास का कोई सदस्य चुनाव में वोट नहीं करेगा।
उन्होंने बताया कि मेला कमेटी, दुर्गा पूजा समिति, गणेश पूजा समिति, सजावट कमेटी के अध्यक्ष, महामंत्री ही महासमिति के अध्यक्ष पद पर वोट करेंगे। इस न्यास में कुल 20 पदाधिकारी व सदस्य हैं। महासमिति के सचिव राजकुमार पटवा ने बताया कि उक्त नियम में महासमिति के अधिकार कर्तव्य, चुनाव की पद्धति चुनाव का समय, कार्यकाल सब का विस्तृत विवरण है।
वहीं उपाध्यक्ष आशीष चौबे ने बताया कि नियम के अनुसार महासमिति के अध्यक्ष का कार्यकाल 2 वर्षों का होगा। एक बार अध्यक्ष चुने जाने के बाद दोबारा वह अथवा उसके परिवार का कोई सदस्य 2 वर्ष बाद ही इस पद पर नामांकन कर पायेगा। संरक्षक टीम में पवन गुप्ता, लाल बहादुर सोनी, भोला शंकर श्रीवास्तव, जीवन लाल अग्रहरि, राकेश जायसवाल, हरिशंकर मोदनवाल, शिरीष कुमार ऊमर वैश्य को शामिल किया गया है।