डा. संजय यादव
बदलापुर, जौनपुर। रेड लाइफ प्रकाशन के सौजन्य से मंगलवार को सल्तनत बहादुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तक मेले का भव्य आयोजन हुआ। मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रबंधक श्याम सिंह और प्राचार्य प्रो. डॉ सुनील प्रताप सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया। मेले में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, शिक्षक, शोधार्थी और स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। पाठकों ने पसंदीदा पुस्तकों पर विशेष छूट का लाभ उठाया। कई प्रसिद्ध लेखकों व कवियों ने भी अपनी नई पुस्तकों का विमोचन करते हुये पाठकों से संवाद किया।
इस मौके पर महाविद्यालय के प्रबंधक श्याम सिंह ने कहा कि “राष्ट्रीय पुस्तक मेला केवल ज्ञानवर्धन का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और साहित्यिक परंपरा को संजोने का भी माध्यम है। छात्र-छात्राओं को किताबों के प्रति आकर्षित करना ही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। हमें खुशी है कि स्थानीय समाज से लेकर विद्वानों तक सबने उत्साहपूर्वक भागीदारी किया।”
इसी क्रम में प्राचार्य प्रो. डॉ सुनील प्रताप सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में पठन-पाठन की आदत विकसित करते हैं और ज्ञान व संस्कारों का विस्तार करते हैं जिसने विद्यार्थियों में नया उत्साह भर दिया। महाविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ कुलदीप शुक्ला ने कहा कि “राष्ट्रीय पुस्तक मेला छात्रों को पुस्तकों से जोड़ने का सुनहरा अवसर है। आज जब डिजिटल साधन तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे आयोजनों से छात्रों में पुस्तक पढ़ने की ललक बनी रहती है। मेला न केवल ज्ञान का भंडार प्रस्तुत करता है, बल्कि छात्रों को नई विषयवस्तु और लेखकों से परिचित कराता है।”
इस अवसर पर डॉ अखंड प्रताप सिंह, डॉ धीरेन्द्र पटेल, डॉ ओम प्रकाश दुबे, डॉ. कर्मचन्द यादव, डॉ बृजेश मिश्रा, डॉ इंद्रजीत सिंह, डॉ रोहित सिंह, डॉ अभिषेक गौरव, डॉ सुनील मिश्र, डॉ तिलक सिंह यादव, डॉ तमन्ना नाज, डॉ सौरभ सिंह परिहार, डॉ जोरावर सिंह, डॉ अशेष उपाध्याय, डॉ संतोष सिंह, राजुल सिंह, राघवेंद्र सिंह सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
इस दौरान आयोजकों ने बताया कि राष्ट्रीय पुस्तक मेला 4 दिनों तक चलेगा और प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक पुस्तकप्रेमियों के लिए खुला रहेगा। जनों ने पुस्तकों के विविध स्टॉल को देखा जिनमें साहित्य, विज्ञान, इतिहास, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, बच्चों की कहानियों तथा धार्मिक ग्रंथों से संबंधित पुस्तकें विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं।