- न्यायिक अधिकारियों ने दी विधिक जानकारी, लोग हुये लाभान्वित
सौरभ सिंह
सिकरारा, जौनपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देश और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा चलाए गए अभियान जो मुख्य रूप से राष्ट्रीय लोक अदालत और मध्यस्थता अभियान और नारी जागरूकता पर केंद्रित हैं, पर विधिक साक्षरता जागरूकता सेमिनार जनपद न्यायाधीश अनिल वर्मा की अध्यक्षता और सचिव पूर्णकालिक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिंह की देख—रेख में जागरूकता अभियान और पाश एक्ट के आयोजकों के सौजन्य से गुलजारगंज में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन करके और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिव ने हरी झंडी दिखाकर प्रारंभ किया।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिव पूर्णकालिक प्रशांत सिंह ने मध्यस्थता और राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला और अधिक से अधिक वादों का निस्तारण मध्यस्थता और राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन निस्तारित करने पर बल दिया। पाश एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्राधिकरण में पीड़ित महिलाओं, लड़कियों सहित अन्य वर्गों के लिए निशुल्क सेवाएं उपलब्ध हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और लैंगिक अपराध और उसके लिए आए गए कमेटी और रोकथाम के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा उन्होंने प्राधिकरण के कार्य और उद्देश्यों पर भी विस्तारपूर्वक बताते हुए सुलह द्वारा सभी सुलह योग्य मुकदमों के निस्तारण के लिए आह्वान किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल डा. दिलीप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय प्राधिकरण को वैकल्पिक न्याय प्रणाली के रूप में 1980 के दशक में बनाया गया जिसके मुख्य दिशा निर्देशक जस्टिस पी एन भगवती और जस्टिस वी कृष्णा अय्यर थे। उन्होंने बताया कि किस तरह से संपूर्ण भारत के हर जनपद में स्थापित प्राधिकरण में मध्यस्थ पैनल लॉयर काउंसलर डिफेंस लीगल सिस्टम पैरालीगल वॉलिंटियर फ्रंट ऑफिस वैवाहिक प्री लिटिगेशन वाद सहित अन्य से किस प्रकार नि:शुल्क सहायता और जागरूकता प्राप्त की जा सकती है। राष्ट्रीय लोक अदालत और मध्यस्थ धारा किए गए वाद अंतिम होते हैं और इसमें सारी फीस वापस हो जाती है। देश और समाज तथा परिवार का उत्थान नारी के संतुलित विकास और बच्चों में संस्कार डालने से ही संभव है, इस पर भी उन्होंने विस्तार तार से प्रकाश डाला।
काउंसलर देवेंद्र यादव ने विस्तार से फ्रंट पैनल सिस्टम परिवार न्यायालय में काउंसलिंग सिस्टम और सुलह द्वारा मुकदमों के निस्तारण के बारे में बताते हुए कहा कि किस तरह पीड़ित और प्रताड़ित लोग प्राधिकरण में आकर निशुल्क सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। पारिवारिक प्रताड़ना और तेजाब इत्यादि से पीडित किस प्रकार सहायता कर सकते हैं, इन सभी बारे में बताया। विभिन्न अधिनियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दिया जो महिलाओं से संबंधित थे इसके अतिरिक्त बीनू सिंह और महाजन अली ने भी अपने अभियान के बारे में और जागरूकता के बारे में विस्तृत जानकारी दिया।
इस अवसर पर प्रशांत सिंह सचिव पूर्णकालिक, डॉ. दिलीप सिंह डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल, देवेंद्र सिंह पैनल लॉयर, काउंसलर, अधिवक्तागण, प्राधिकरण के सुनील मौर्य, वीनू सिंह, महाजन अली सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।