- पढ़ाई के बिना कैसे परीक्षा देंगे बच्चे?
- 5 माह बीतने के बाद भी बच्चों को नहीं मिल पायी पाठ्य पुस्तक
डा. प्रदीप दूबे
सुइथाकला, जौनपुर। शैक्षिक सत्र के पांच माह बीतने को है लेकिन अभी तक प्राथमिक विद्यालयों के सभी बच्चों तक किताबें नहीं पहुंच सकी है। विकास खण्ड के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा तीन के बच्चों को कोई किताब नहीं मिली है। साफ है कि हजारों बच्चों को किताबें मिलने का इंतजार है।
शिक्षा विभाग की तरफ से परिषदीय, सहायता प्राप्त और राजकीय स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त किताबें दी जाती हैं। मकसद है कि कोई बच्चा शिक्षा पाने से वंचित न रहे। पुस्तकविहीन शिक्षा से जहां बच्चों को भविष्य चौपट हो रहा है, वहीं परिषदीय विद्यालय में 25 अगस्त से होने वाली परीक्षाओं में बच्चे किस आधार पर सम्मिलित होंगे? यह एक बहुत बड़ा सवाल है।
खण्ड शिक्षा अधिकारी आनन्द प्रकाश सिंह मामले में पूरी तरह उदासीन दिखे, उन्हें कक्षा 3 में पंजीकृत छात्रों की संख्या नही मालूम है। जब स्थानीय अधिकारी को यह नहीं पता है कि कितने छात्र पाठ्य पुस्तक से वंचित रह गये हैं तो बेसिक शिक्षा की क्या दशा होगी यह चिन्तनीय है। बेसिक शिक्षा की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे नौनिहालों का भविष्य अन्धकारमय है जिससे अभिभावकों में भारी आक्रोश है।