Jaunpur News: विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास का केन्द्र है विश्वविद्यालय: भक्ति पदम स्वामी

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Jaunpur News: विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास का केन्द्र है विश्वविद्यालय: भक्ति पदम स्वामी
  • कहा- शिक्षक केवल विषय नहीं पढ़ाता, वह जीवन पढ़ाता है
  • पूविवि में 'भगवद्गीता से नेतृत्व के गुण' विषय पर हुई संगोष्ठी

विरेन्द्र यादव

सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में इस्कॉन जौनपुर के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ‘भगवद्गीता से नेतृत्व के गुण’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि इस्कॉन के गुरु भक्ति पदम स्वामी ने कहा कि विश्वविद्यालय व्यक्तित्व निर्माण का केंद्र है। शिक्षक का दायित्व 24 घंटे का होता है और विद्यार्थी का व्यक्तित्व निर्माण पूरी तरह शिक्षक के हाथ में होता है। ऐसे में शिक्षक का व्यक्तित्व ऐसा होना चाहिए कि वह अपने विद्यार्थियों को ऊर्जा और प्रेरणा दे सके। छात्र जीवन भर शिक्षक को याद रखते हैं क्योंकि उनसे अनेक भावनाएं जुड़ी होती हैं।

भक्ति पदम स्वामी ने कहा कि विद्यार्थी किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेते समय बड़ी आशा लेकर आते हैं। शिक्षक को उनकी आशाओं को पूरा करने में पूरी निष्ठा से योगदान देना चाहिए। उन्होंने ज्ञान, मूल्य और कौशल, इन तीनों को विद्यार्थियों में समाहित करने पर बल दिया। उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे वृक्ष स्वयं ताप सहकर छाया देता है, वैसे ही गुरु को भी कठिनाइयाँ सहकर विद्यार्थियों को संरक्षण और मार्गदर्शन देना चाहिए।

अर्जुन और कृष्ण के संबंधों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कृष्ण ने अर्जुन में आत्मविश्वास पैदा किया। उसी प्रकार शिक्षकों को भी अपने विद्यार्थियों में आत्मविश्वास जगाना चाहिए, क्योंकि शिक्षकों की प्रगति विद्यार्थियों के विकास से जुड़ी होती है। “शिक्षक केवल विषय नहीं पढ़ाता, वह जीवन पढ़ाता है।”

इसी क्रम में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि गुरु और शिक्षक में अंतर है। शिक्षक विषय पढ़ाता है जबकि गुरु विद्यार्थी के जीवन को निखारने का कार्य करता है। नई शिक्षा नीति में मेंटर-मेंट्री की अवधारणा भी इसी उद्देश्य से लाई गई है।

जौनपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. क्षितिज शर्मा ने इस्कॉन संस्था द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रो. मानस पांडेय ने किया। अन्त में कुलसचिव डॉ. विनोद सिंह ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर दिव्य निताई दास, उप कुलसचिव अमृत लाल, अजीत प्रताप सिंह, बबीता सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राम नारायण, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. अविनाश, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, रमेश यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।


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