- कक्षा 4 के बच्चे हिन्दी में नहीं लिख पाये स्वदेश जिस पर हुये नाराज
- रामनगर ब्लाक में परिषदीय स्कूलों का किया निरीक्षण
- निरीक्षण का उद्देश्य स्कूलों की गुणवत्ता को परखना था
सुनील शर्मा
जौनपुर। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल ने शनिवार को रामनगर ब्लाक के कुछ परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण किया जिसका उद्देश्य स्कूलों की गुणवत्ता परखना था लेकिन निरीक्षण में मिली खमियों पर शिक्षकों का वेतन तो शिक्षामित्रों का मानदेय अग्रिम आदेश तक रोकने के साथ स्पष्टीकरण भी मांगा है। बीएसए सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर रामनगर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय जवन्सीपुर में पहुंचे।
शिक्षामित्र संजू सिंह FLN प्रशिक्षण में गई हुईं थी। इसके अलावा समस्त स्टॉफ उपस्थित पाए गए। एमडीएम मीनू के अनुसार बना हुआ था। कंपोजिट ग्रांट 25 हजार रुपये का उपभोग कर लिया गया था लेकिन आय व्यय और स्टॉक पंजिका नहीं दिखाई जा सकी। टीएलएम के संबंध में प्राप्त धनराशि का उपभोग किया जा चुका था किन्तु उससे संबंधित व्यय का अवलोकन नहीं कराया जा सका। बच्चों का अधिगम स्तर बहुत ही कम पाया गया। कक्षा 4 के बच्चे हिन्दी का शब्द स्वदेश नहीं लिख सके। 82 नामांकित छात्रों में 47 बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई किंतु मौके पर सिर्फ 23 बच्चे मिले।
बीएसए ने जब उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया तो पता चला कि शिक्षकों ने छात्रों के अनुपस्थित कॉलम को रिक्त छोड़ा है। विद्यालय की दीवारों की रंगाई पुताई नहीं कराई गई थी। कक्षा की दीवारों पर टीएलएम नहीं चस्पा किया गया था। कक्षा में जाले लगे हुए थे। विद्यालय में मिली खमियों के कारण प्रभारी प्रधानाध्यापक भुवनेश पाण्डेय का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया। कमियों में सुधार लाने के लिए समस्त स्टाफ को साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
इसके बाद बीएसए एक बजे प्राथमिक विद्यालय सोरहां में पहुंचे। यहां पर शिक्षामित्र रवीन्द्र सिंह अनुपस्थित मिले। सहायक अध्यापक अजय कुमार 21 अगस्त से एफएलएन प्रशिक्षण में गए थे। निरीक्षण के समय प्रधानाध्यापक विद्यालय बंद करके चले गए थे। बीएसए ने ताला खोलवा कर निरीक्षण किया तो नामांकित 45 बच्चों में से 22 बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। विद्यालय का भौतिक परिवेश गंदा मिला। विद्यालय प्रांगण में घास उगी हुई थी। हैंडवाश की टोटियां टूटी हुई थी। टाइम एंड मोशन शासनादेश का पालन न करने के कारण विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया। अनुपस्थित शिक्षामित्र का निरीक्षण तिथि का मानदेय अवरुद्ध कर दिया। सभी कमियों को सुधारने के लिये समस्त स्टॉफ को साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
इस बाबत पूछे जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता एवं उत्तरदायित्व निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जहां लापरवाही मिलेगी, वहां कार्रवाई की जाएगी। जहां समर्पण व गुणवत्ता दिखेगी, वहां सम्मान भी मिलेगा।