- सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क, समझ से परे
जौनपुर। जिले की सड़कें इन दिनों बदहाली की एक ऐसी तस्वीर पेश कर रही हैं जिसे देखकर किसी भी यात्री का दिल दहल जाय। जौनपुर-शाहगंज मार्ग पर कीर्तिकुंज मारुति एजेंसी के सामने की है। उसके सामने काफी दूर तक इतने गड्ढे रोड पर हैं कि आए दिन राहगीर उसमें गिरकर घायल हो रहे हैं। शहर की हाल तो बेहाल है। पूरे शहर में सीवर लाइन खुदाई के लिए खोदे गये गड्ढे पाट तो दिये गये हैं लेकिन अभी तक बार-बार धस रहा है। इसमें आवागमन में काफी परेशानी हो रही है जिससे पूरा शहर परेशान है। शहर हो या कस्बा, मुख्य मार्ग हों या गांवों की संपर्क सड़कें-हर जगह गड्ढों की भरमार है। कई स्थानों पर स्थिति इतनी गंभीर है कि सड़क कहीं-कहीं गायब हो गई है और केवल गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देते हैं। स्थानीय लोग तंज कसते नजर आते हैं।
लगातार दुर्घटनाओं का कारण बने इन गड्ढों ने आमजन का जीवन असुरक्षित बना दिया है। दोपहिया वाहन चालक रोजाना गिरते-पड़ते अपनी मंजिल तक पहुंचने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि बीते कुछ दिनों में कई लोग इन गड्ढों की वजह से घायल हो चुके हैं। “सड़क पर चलते समय हर कदम डर लगता है, बारिश हो जाय तो पानी में गड्ढे छिप जाते हैं और जोखिम दोगुना हो जाता है।
सड़कों की यह बदहाली नई नहीं है। महीनों एवं वर्षों से स्थिति बिगड़ती जा रही है लेकिन मरम्मत का काम शुरू होने के बजाय फ़ाइलों में ही दबा पड़ा है। क्षेत्रीय नागरिकों का आरोप है कि सरकार और विभागीय अधिकारी जौनपुर की जर्जर होती सड़कों से पूरी तरह बेखबर बने हुये हैं। जिला प्रशासन की निष्क्रियता से लोगों में गहरा आक्रोश है। कई नागरिकों का कहना है कि पूरे तंत्र की उदासीनता ने जनता को मानो अपने हाल पर छोड़ दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी विकट हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर रोज़ कमाने-खाने वाले मजदूर तक सभी इन खतरनाक गड्ढों से जूझ रहे हैं। एम्बुलेंस, किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉलियाँ, मरीज ले जाने वाले लोग हर कोई इस समस्या से परेशान है।
देखा जा सकता है कि नगर के कई स्थानों पर सड़कें इतनी उखड़ चुकी हैं कि यातायात तक बाधित हो जाता है। नाराज लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क सुधार कार्य शुरू नहीं हुआ तो वे आन्दोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे। जनता का कहना है कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाही की जरूरत है। गड्ढों से भरी सड़कों का यह मुद्दा जिले के लिये शर्मनाक स्थिति बन चुका है।
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