अनुपम मौर्य/राकेश शर्मा
बरसठी, जौनपुर। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय मथुरा से संस्थाध्यक्ष पंकज जी महाराज के सानिध्य में चल रही जनजागरण यात्रा का पड़ाव वि.ख. बरसठी के ग्राम फतुही खुर्द रसुलहा में हुआ। यात्रा के 71वें दिन आयोजित सत्संग सभा में संस्थाध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में ‘यह तन तुमने दुर्लभ पाया। कोटि जन्म भटका जब खाया।’ पंक्तियों को उद्धृत करते हुये कहा कि भाइयों-बहनों, करोड़ों जन्मों में भटकते हुये यह उत्तम मनुश्य शरीर मिला। अब इस दुनिया में फंस कर बर्बाद न करें। बहुत से लोग दुनिया के ज्ञान को प्राप्त करके सोचते हैं, उनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम की। जहां दुनिया का ज्ञान खत्म हो जाता है, उसकी चोटी से आत्मा-परमात्मा का गूढ़ ज्ञान सुरु होता है। दयालु प्रभु ने अपने अजर-अमर देष से सन्तों को धराधाम पर भेजा।
उन्होंने आकर जीवों को समझाया कि यह मनुश्य शरीर किराये का मकान। इसमें दोनों आंखों के मध्य भाग में जीवात्मा विराजमान है। उसमें देवी-देवताओं, अण्ड-खण्ड ब्रह्माण्ड को देखने की दिव्य दृश्टि और ऊपरी मण्डलों से आ रही आकाशवाणी, अनहदवाणी सुनने का कान है। बताई हुई सुरत षब्द योग साधना को करेंगे तो आप का तीसरा नेत्र व तीसरा कान खुल जायेगा। आप त्रिकालदर्षी हो जायेंगे। अपनी आत्मा का कल्याण कर लेना सच्चा मानव धर्म है।
उन्होंने शाकाहार अपनाने व शराब आदि नशो को त्यागने की पुरजोर अपील किया। गांव-गांव भजनानंदियों की टोली बनाकर लोगों को शाकाहारी-सदाचारी बनाने की सेवा करें। आप लोगों के बीच भगवान की भक्ति और अच्छे समाज के निर्माण की समय के परिवर्तन की आवाज है। सन्तों महात्माओं के उपदेष व संदेषों को मान लेंगे तो बच जायेंगे नहीं तो खाईं और खन्दक में जा गिरेंगे। शान्ति व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।
इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, बालेन्द्र मिश्र, हरिनाथ यादव, लहुरी विश्वकर्मा, प्रभुनाथ मिश्रा, सूर्य नारायण दुबे, नागेष पाण्डेय, विपिन पाण्डेय, प्रयागराज संगत के सुखराम यादव सहित तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव सेहवा पिपरान वि.ख. बरसठी के लिये प्रस्थान कर गई।