- पानी में भीग करके सड़ने की कगार पर हैं फसलें
- किसान सरकार से फसल के नुकसान की भरपाई की कर रहे मांग
अरविन्द यादव
केराकत, जौनपुर। बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। रुक-रुक कर हवा के साथ हो रही बारिश से खेतों में खड़ी धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई किसानों की फसलें खेतों में ही गिर गई हैं जबकि जिनकी फसल काटकर रखी गई थी, वह भी पानी में भीगकर सड़ने लगी है। इससे आधिकारिक फसल का नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि धान की कटाई के बाद फसल खेतों में ही छोड़ दी गई थी लेकिन अचानक हुई बारिश ने सारा अनाज खराब कर दिया। उनका कहना है कि इसी खेती पर पूरे परिवार की रोज़ी-रोटी और बच्चों की पढ़ाई निर्भर थी। 3 दिनों की लगातार बारिश ने उनकी साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया है। अगर बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो बची हुई फसल भी पूरी तरह खराब हो जाएगी। किसान सरकार से फसल के नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं।
परिवार का भरण पोषण करना हो सकता है मुश्किलों भरा: इन्दु
तराव गांव निवासिनी इंदु देवी ने बताया कि फसल की हालत यह है कि खेतों में पानी भर गया है और धान की बालियाँ सड़ने लगी हैं। फसल को बचाने के लिए धान की बालियों को मेढ़ के ऊपर रखकर सुखाने का काम किया जा रहा हैं। पूरे खेत के धान की फसल लगभग खराब होने के कगार पर ऐसे में साल भर परिवार का भरण पोषण करना मुश्किलों भरा हो सकता है। आपदा प्रबंधन विभाग से क्षतिपूर्ति की भरपाई की मांग करते हैं।
बारिश ने धान की फसल को पहुंचाई है नुकसान: कौशलेन्द्र
केराकत निकासी कौशलेंद्र गिरी ने बताया कि बेमौसम बारिश से सबसे ज़्यादा नुकसान उन किसानों को हुआ है जिन्होंने हाल ही में धान की सिंचाई इस उम्मीद में की थी कि उसी नमी से गेहूं की बुवाई की जाएगी। ऐसे ही बारिश होती रही तो न धान की फसल ही बच पायेगी और न ही गेहूं की शुरुआत हो पायेगी।
खेतों में गिरी फसल को देख किसान महसूस हो रही है मायूसी: धर्मेन्द्र
सूरहूरपुर गांव निवासी धर्मेंद्र ने बताया कि खेतों में गिरी फसल को देखकर मायूसी हो रही है। फसल की ऐसी बर्बादी होगी कभी सपनों में भी नहीं सोचा था। जिधर भी नज़र पड़ती है, खेतों में धान की धराशायी फसल ही दिखाई दे रही है। एक तरह से कहे तो बेमौसम बारिश ने किसानों की पूरी कमर तोड़ दी है।
खेतों में कटी धान की फसल भीगने पर हो सकती है अंकुरित: संतोष
किसानों की महीनों की मेहनत पर बारिश ने पानी फेर दिया है। इससे उनके चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही है। खेतों में कटी पड़ी धान की फसल भीगने पर अंकुरित हो सकती है। जो फसल खड़ी है, उसे भी नुकसान पहुंचा है। ऐसे ही बारिश होती रही तो किसानों का जीवन प्रभावित हो सकता है।
फसल के नुकसान का आकलन करे सम्बन्धित विभाग: अजीत
बोड़सर गांव निवासी किसान नेता अजीत सिंह ने कहा कि बेमौसम से हुई बारिश ने किसानों की कमर पूरी तरह से तोड़ दी है। ऐसे में जिलाधिकारी से आग्रह है कि संबंधित विभाग द्वारा फसल के नुकसान का आकलन कराया और सरकार से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई में मदद की जाय जिससे किसानों को राहत मिल सके।
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