शमीम अहमद
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय नगर के मड़ियाहूं स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया।
बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2025 के लिए मिशन शक्ति के द्वितीय चरण का प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अंतर्गत कई कार्यक्रमों का संचालन महाविद्यालय स्तर पर किया जाना है। इसी कड़ी में महाविद्यालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मनोविज्ञान विभाग के प्रभारी डॉक्टर दया सिंधु ने कहा कि की बढ़ती हुई मानसिक समस्याएं आज के समय की एक बहुत बड़ी वास्तविकता बन चुकी है और इनको नजरअंदाज करने के कारण यह समस्याएं और विकराल रूप लेने लगती है। समय से सही परामर्श मिलने परिवार, समाज और मित्रों का सहयोग मिलने पर इस समस्या का सही ढंग से निदान और उपचार किया जा सकता है।
आमंत्रित वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. विवेक कुमार मिश्र ने कहा कि मानसिक समस्याएं सिर्फ मानसिक कारणों से ही नहीं होती है बल्कि इसके पीछे शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक कारण भी विद्यमान होते हैं। वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. अमिताभ कुमार ने भगवान श्री कृष्ण का उदाहरण देते हुए यह बताने का प्रयास किया कि सभी स्थितियों में सम्यक दृष्टि रखते हुए किसी प्रकार का निर्णय लेने से मानसिक समस्याओं के दुष्परिणामों से बचा जा सकता है।
महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ. आञ्जनेय पांडे ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के मध्य स्थित अंतरक्रिया को बहुत महत्वपूर्ण बताया और कहा स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास हो सकता है तो दूसरी तरफ स्वस्थ मन होने पर ही स्वस्थ शरीर सुनिश्चित किया जा सकता है। इस अवसर पर प्राचीन इतिहास विभाग के प्रभारी डॉ. विवेक सिंह ने मानसिक समस्याओं की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की भी व्याख्या की और यह बताया कि मानसिक समस्याएं सिर्फ आज के समाज की समस्या नहीं है बल्कि यह प्राचीन काल से ही विद्यमान रही है। इस आयोजन में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन मनोविज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ. दया सिंधु ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. विवेक कुमार मिश्र, डॉ. अमिताभ कुमार, डॉ. विवेक सिंह, डॉ. आञ्जनेय पांडे सहित कई शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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