- विजयदशमी पर उत्सव के साथ निकला पथ संचलन
- राम मन्दिर शाखा गूलर घाट पर हुआ भव्य आयोजन
जौनपुर। हम शाखा में संस्कार देकर लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना भरते हैं। संघ को दूर से देखने वाले इसको कभी समझ नहीं पायेंगे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी वर्धा में एक संघ शिविर देखने गये थे जहां की सुन्दर व्यवस्था बिना किसी छुआछूत को देखकर कहा था कि संघ जो काम शिविर और अपने शाखा के माध्यम से कर रहा है, वह अद्वितीय एवं प्रशंसनीय है। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू संघ का अनुशासन देखकर प्रभावित हुये थे जिन्होंने दिल्ली में 26 जनवरी की परेड में 2000 पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों की परेड के लिये निमन्त्रण भी दिया था। रूट मार्च और अनुशासन देखकर उन्होंने सराहना भी किया था। उक्त बातें राम मन्दिर शाखा गूलर घाट पर आयोजित उत्सव में पधारे संघ के विभाग बौद्धिक शिक्षण प्रमुख मनोज जी ने उपस्थित लोगों के बीच कही।
उन्होंने आगे कहा कि संघ समाज में प्रत्येक को अनुशासित, संस्कारवान बनाना चाहता है। नित्य प्रति शाखा में आने वाला व्यक्ति कुछ ही दिन में अपने में परिवर्तन पाता है, फिर वह संघ के बारे में सकारात्मक सोचने लगता है। बाढ़ आपदा, सूखा आपदा, कोविड के समय घर-घर रसद पानी पहुँचाने का कार्य संघ का स्वयं सेवक निस्वार्थ भाव से करता है। संघ शताब्दी वर्ष में प्रत्येक स्वयंसेवक समाज के हर वर्ग में गृह सम्पर्क अभियान चलाकर संघ साहित्य के माध्यम से अपने विचारों को बतायेगा। अपनत्व की भावना से अभावग्रस्त, बस्तियों में जाकर अपने साथ जोड़ेगा। बस्ती बस्ती सम्पर्क करके संघ के स्वयंसेवकों की संख्या में कई गुना वृद्धि करेगा।
इसी क्रम में कार्यक्रम अध्यक्ष डा. अशोक अस्थाना ने संघ के कार्यों की सराहना करते हुये शताब्दी वर्ष एवं विजयादशमी उत्सव की शुभकामना दिया जिसके बाद नगर संघचालक धर्मवीर जी ने कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ० अशोक अस्थाना को संघ के 3 चित्रों का सेट उपहार स्वरूप दिया। साथ ही मुख्य वक्ता मनोज जी को अंगवस्त्रम पहनाकर उनका सम्मान किया। प्रार्थना के पश्चात् लगभग 120 पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने रूट मार्च निकाला। विभिन्न मार्गों से होता हुआ रूट मार्च संघ स्थल गूलर घाट पर पुन: आकर समाप्त हुआ। इसके बाद प्रसाद वितरण करते हुये हनुमान जी का चित्र व हनुमान चालीसा बांटा गया।
इस अवसर पर जिला बौद्धिक प्रमुख अविनाश जी, जिला व्यवस्था प्रमुख अश्वनी जी, नगर व्यवस्था प्रमुख हेमन्त जी, धर्म जागरण प्रमुख सन्तोष जी, समरसता प्रमुख अतुल जी, बस्ती प्रमुख सन्दीप जी, पूर्व सासंद डा. केपी सिंह, वनवासी कल्याण आश्रम के जिला मन्त्री राघवेन्द्र जी, भारत विकास परिषद के अवधेश गिरी, संस्कार भारती के राजकमल, गंगा समग्र के भृगुनाथ पाठक, वैभव वर्मा, अमन अग्रहरि, अनिल गुप्ता, संजय जी, संदीप जी, राजू जायसवाल सहित तमाम स्वयंसेवक उपस्थित रहे। एकल गीत राघवेन्द्र जी एवं अमृत वचन डा. उमंग श्रीवास्वत ने प्रस्तुत किया। प्रार्थना अजय जी एवं मुख्य शिक्षक राकेश जी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का संचालन मानिक चन्द्र सेठ ने किया।