शमीम अहमद
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय नगर में अमर क्रांतिकारी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती पर गौशाला तिराहा से चलकर भगत सिंह तिराहा तक डॉ. विजय सिंह मौर्य के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचकर उनके मूर्ति पर लोगों ने माल्यार्पण किये।
अमर क्रांतिकारी शहीद ए आजम भगत सिंह के 118वीं जयंती के अवसर पर डॉ. विजय सिंह मौर्य ने कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी थे। जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया।
जलियांवाला बाग हत्याकांड से प्रभावित होकर उन्होंने युवाओं को संगठित किया और केंद्रीय विधानसभा पर बम जैसे कार्यों को अंजाम दिया। राजगुरु और सुखदेव के साथ मिलकर सॉन्डर्स को मार डाला। बाद में उन्हें लाहौर षडयंत्र मामले में दोषी ठहराया गया। शहीदे आजम भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के लायलपुर जिले के बंगा गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। 23 मार्च, 1931 को 23 वर्ष की आयु में फाँसी दे दी गई।
इस मौके पर अरविन्द चौरसिया, अखिल प्रताप सिंह, अध्यक्ष पति कमाल अख्तर फारुकी, सरदार कवलजीत सिंह (गब्बर), पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह, मनोज चौरसिया, नितेश सेठ, सत्य नारायण सेठ, अजीत यादव, शिव शंकर मौर्य, संजय मौर्य, तालुकदार यादव, मनीष यादव, मंजीत यादव, डॉ. विजय यादव प्रधान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
.jpg)






