- मिशन का पहला उद्देश्य बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करना
सुनील शर्मा
जौनपुर। महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए चल रहे मिशन शक्ति फेज-5 अभियान के तहत बुधवार एक अनोखी पहल देखने को मिली। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय धर्मापुर की छात्रा काजल बेनवंशी (कक्षा-8) को एक दिन के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई।
एक दिवसीय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में काजल ने दिया कि सभी कस्तूरबा विद्यालयों में बच्चों को मीनू के अनुसार पौष्टिक भोजन दिया जाए। विद्यालय परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। शिक्षा गुणवत्तापरक हो। छात्राओं की शिक्षा और स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। काजल ने जिला समन्वयक (निर्माण) को भी सख्त निर्देश दिए कि प्रधान द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए। किसी भी प्रकार की गलती न होने पाए।
इस दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल, जिला समन्वयक (बा.शि.) शोभा तिवारी, जिला समन्वयक (निर्माण) रजा हसन, जिला समन्वयक (समेकित शिक्षा) वार्डिन, वार्डन वीणा उपाध्याय, शिक्षक शशिधर उपाध्याय, लेखाकार शशि (कस्तूरबा विद्यालय महराजगंज), अनुपमा मौर्या (कस्तूरबा विद्यालय धर्मापुर), अंग्रेजी की पूर्णकालिक शिक्षिका रेखा यादव सहित विद्यालय की कई छात्राएँ शालू, खुशी, उजाला और स्नेहा उपस्थित रहीं। मिशन शक्ति फेज-5 का पहला उद्देश्य बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करना। उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और शिक्षा के साथ प्रशासनिक कार्यप्रणाली से परिचित कराना है। यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि बेटियाँ भी समाज में नेतृत्व की बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
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