- एशिया कप में हुये भारत-पाक मैच को लेकर लोगों में भड़का आक्रोश
- गांव की पगडंडियों से लेकर दिल्ली की सियासी गलियारों तक है शोर
- शहीद की पत्नी एशान्या ने सोशल मीडिया पर मैच बहिष्कार की थी अपील
- लिजेंड टीम ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप ऑफ लॉजिंड्स के सेमीफाइल में पाकिस्तान से खेलने से किया था इनकार
अरविन्द यादव
केराकत, जौनपुर। एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मैच को खेले लगभग 5 दिन बीच चुके हैं, मगर मैच को लेकर सोशल मीडिया पर तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। गांव की पगडंडियों से लेकर दिल्ली की सियासी गलियारों तक शोर मचा हुआ है। लोगों में इतना आक्रोश है कि वे सोशल मीडिया पर सरकार व बीसीसीआई को जमकर कोसते हुए कह रहे हैं कि जब पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता तो आखिर क्रिकेट क्यों? सवाल इसीलिए है कि बीबीसीआई ने सरकार की सहयोग से खेल भावना के खिलाफ उठकर इंडिया-पाकिस्तान मैच कराकर जो पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों और आपरेशन सिंदूर में शामिल सशक्त बलों समर्पित कर झूठी देशभक्ति दिखाने का जो खेल खेला गया, वह बेहद ही शर्मनाक व निंदनीय है जबकि इंडिया-पाकिस्तान क्रिकेट होने से पहले ही शहीद परिवार समेत देशभर में मैच को लेकर बहिष्कार करने की बात कही जा रही थी।
नतीजा यह रहा कि क्रिकेट इतिहास में पहली बार देखा गया कि इंडिया-पाकिस्तान मैच के दौरान स्टेडियम की सीटें खाली दिखी। वहीं पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने मुकाबले का विरोध करते हुए लगातार सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि "यह हमारा विरोध नहीं है। यह विरोध उन 26 परिवारों का है जिनके घर के लोग शहीद हुए हैं। यह विरोध हर उस परिवार का है जिनके घर के सैनिक शहीद हुए हैं। बावजूद इसके भी इंडो-पाक क्रिकेट मैच कराया गया। हाल ही में भारत की लिजेंड टीम वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लॉजिंड्स के सेमीफाइल में पाकिस्तान से खेलने से मना कर दिया था जिसके बाद देश भर में लिजेंड टीम की जमकर सराहना की गयी।
विदित हो कि दुबई के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को एशिया कप का महामुकाबला भारत बनाम पाकिस्तान के बीच खेला गया जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से मात देकर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। यही नहीं, इसके बाद भारतीय कप्तान सूर्य कुमार यादव ने इस जीत को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गये भारतीयों और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सहस्त्र बलों को समर्पित किया था।
शहीदों के शहादत के सामने क्रिकेट बहुत छोटी सी है बात: दिनेश यादव
धर्मापुर पौना गांव निवासी पूर्व सैनिक दिनेश यादव ने कहा कि देशवासी सुरक्षित रहे, इसके लिए सैनिक सीमा पर खड़ा रहकर देश की सुरक्षा करता है। परिवार के लोग अक्सर मिल नहीं पाते हैं। देश के लिए शहादत देने वाले शहीदों का बलिदान हम सबके लिए बहुत बड़ा है। उसके सामने यह बहुत छोटी बात है कि हम एक क्रिकेट मैच खेलना नहीं छोड़ सकते हैं। येह देश के दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
पाकिस्तान आतंकवाद का है केन्द्र: सुधीर सिंह
भौंरा गांव निवासी पूर्व सीमा सुरक्षा बल सुधीर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है, इसलिए उनके साथ क्रिकेट खेलना नहीं चाहिए। हम सभी पहलगाम में हुए निर्दोष लोगों की हत्या को नहीं भूल सके हैं। ऐसे में पाकिस्तान के साथ मैच का होना दुर्भाग्यपूर्ण व आहत करने वाला है। बीसीसीआई को मैच को पूरी तरह से बायकॉट करना चाहिए था।
देश से बढ़कर मैच नहीं हो सकता है: फरहान अहमद
डेहरी गांव निवासी फरहान अहमद ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी पहलगाम में जो धर्म पूछकर निर्देश लोगों को मौत के घाट उतार दिया, वह भूलने लायक नहीं है। 26 भाई-बहनों की शहादत के बाद पाकिस्तान के साथ मैच पर बहस होना स्वाभाविक है, क्योंकि देश से बढ़कर मैच नहीं हो सकता है।
भारत-पाक मैच सैनिकों को कर रहा अपमानित: फौजी सुभाष यादव
छितौना गांव निवासी पूर्व सैनिक सुभाष यादव ने कहा कि सरकार का एक साथ दो चेहरा सैनिकों को अपमानित कर रहा है। पाकिस्तान के साथ मैच खेलना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण व शोचनीय विषय है। देशहित में सरकार ऐसा ना करे, अन्यथा शहीद की विधवाएं अपने आपको शहीद पत्नी कहलाने की जगह अपमानित महसूस करेंगी।
पाकिस्तान हमेशा से ही भारत को दिया है धोखा: डा. अवनीश सिंह
सत्कार ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के चेयरमैन डॉ अवनीश सिंह ने कहा कि भारतीय टीम को पाकिस्तान टीम के साथ क्रिकेट मैच बिल्कुल नहीं खेलना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान हमेशा से ही भारत को धोखा ही दिया है। देश के सैनिकों के बलिदान से समझौता नहीं होना चाहिए। देशहित के लिए इंडो-पाक मैच को भारत को बैन करना चाहिए था।
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