- वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली पर व्याख्यान आयोजित
सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दीक्षोत्सव–2025 के अंतर्गत बुधवार को एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का विषय 'वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली (एडीआर) का महत्व' रहा। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रशांत सिंह प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ए.डी.आर. प्रणाली न्याय व्यवस्था को गति प्रदान करने तथा आमजन की न्याय तक सरल पहुँच सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम है। इस प्रणाली के माध्यम से न्यायालयों का भार कम होता है और समाज में आपसी सामंजस्य एवं सौहार्द भी बना रहता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि आज की न्याय व्यवस्था में वैकल्पिक विवाद समाधान की प्रासंगिकता निरंतर बढ़ रही है। इस विषय पर विद्यार्थियों को गहन जानकारी मिलना उनके भावी जीवन एवं पेशेवर सफर के लिए अत्यंत लाभकारी है। विभागाध्यक्ष एवं निदेशक प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार ने कहा कि वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली भविष्य की न्याय व्यवस्था के लिए अत्यंत उपयोगी साधन है। इसके माध्यम से समाज में न केवल न्याय की सहज उपलब्धता होगी बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत होगी।
डॉ. दिनेश सिंह ने कहा कि ए.डी.आर. प्रणाली समाज में विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने का एक प्रभावी विकल्प है जो न्यायिक व्यवस्था को और अधिक जनोन्मुखी बनाता है। दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आभार व्यक्त करते हुए डॉ. वनिता सिंह ने कहा कि मुख्य अतिथि एवं कुलपति के मार्गदर्शन से विद्यार्थियों को नए आयाम प्राप्त हुए हैं। कार्यक्रम का संचालन पूर्व निदेशक मंगला प्रसाद यादव ने किया।
इस अवसर पर विधि संकाय के शिक्षकगण डॉ. अनुराग मिश्रा, डॉ. दिनेश सिंह, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. राहुल राय, डॉ. रजित राम सोनकर, श्रीप्रकाश यादव, डॉ. इंद्रजीत सिंह, डॉ. राजन तिवारी, डॉ. शुभम सिंह, प्रगति सिंह, जीशान अली सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं तथा विश्वविद्यालय परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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