जौनपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह के विशेष निर्देशन में जिला मलेरिया अधिकारी सुनील यादव के नेतृत्व में मलेरिया फाइलेरिया टीम द्वारा विश्व मच्छर दिवस मनाया गया। इस वर्ष विश्व मच्छर दिवस की थीम है Accelarating The fight against malaria for a more equitable world. जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा फाइलेरिया निरीक्षक दीपक सिंह, मलेरिया निरीक्षक सतीश कुमार के सहयोग से नगरीय क्षेत्र के सावित्री कॉन्वेंट हाईस्कूल अम्बेडकर तिराहा में छात्र—छात्राओं के बीच जागरूकता गोष्ठी आयोजित करके मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, चिकुन गुनिया, मलेरिया, फाइलेरिया के कारण, लक्षण बचाव, जांच, उपचार आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। छात्रों को हर रविवार मच्छर पर वार लार्वा पर प्रहार स्लोगन के अनुसार हर रविवार को मच्छर प्रजनन स्रोतों को नष्ट करने, कूलर, फ्रिज की ट्रे का पानी हर सप्ताह बदलने के लिये प्रेरित किया गया। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने, साफ—सफाई रखने, बुखार के लक्षण देखते ही जांच उपचार कराने की अपील की गयी।
अगली कड़ी में पर्यवेक्षक इंद्रजीत सिंह, राकेश सिंह, शिवशंकर वर्मा के पर्यवेक्षण में मियांपुर वार्ड के प्राइमरी स्कूल में स्वास्थ्य शिक्षा दी गयी। आस—पास के क्षेत्रों में एंटीलार्वा स्प्रे कराया गया। साथ ही चाचकपुर और मियांपुर वार्ड में अभियान चलाकर डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर और मलेरिया, फाइलेरिया स्टॉफ द्वारा मच्छर प्रजनन स्रोतों को चिन्हित कर निष्प्रयोज्य कराया गया। इसी दौरान फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी कंचन गुप्ता ने प्राथमिक विद्यालय हरईपुर में छात्रों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाव आदि के बारे में जागरूक किया। इसी दौरान शहर के विभिन्न स्थानों पर डेंगू, मलेरिया जागरूकता पोस्टर लगाया गया तथा पम्फलेट वितरित किया गया। डेंगू, मलेरिया मच्छरों से होने वाले घातक संक्रामक रोग हैं। इनसे बचाव और उन्मूलन के लिये सभी जनसमुदाय को सहभागी और जागरूक होना आवश्यक है। जनवरी 2025 से अब तक जनपद में डेंगू के कुल 9 केस, मलेरिया के 5 केस रिपोर्ट हुए हैं सब मरीज ठीक हैं। किसी की मृत्यु नहीं हुई है।
तैयारियां
डेंगू मलेरिया आदि मच्छर जनित बीमारियों से बचाव हेतु जनपद एवं ब्लाक स्तर पर तैयारियां की गयी हैं। जिला चिकित्सालय में डेंगू हेतु 25 आइसोलेटेड वार्ड की व्यवस्था है। डेंगू के जांच हेतु एलिजा मशीन, एलिजा टेस्ट कीट उपलब्ध है। समस्त जीवन रक्षक औषधियां, उपकरण उपलब्ध हैं। समस्त सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी दें डेंगू वार्ड, जांच किट, जीवन रक्षक औषधियां, स्प्रे रसायन, स्प्रे पम्प उपलब्ध है। रैपिड रेस्पॉन्स टीमें गठित हैं। आशा द्वारा भी ग्राम स्तर पर जनजागरूकता, ब्रीडिंग सोर्स रिडक्शन का कार्य कराया जा रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर भी मलेरिया, डेंगू की जांच, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था उपलब्ध है। अंतर्विभागीय सहयोग और समन्वय से मच्छर जनित और संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता, प्रचार—प्रसार कराया जा रहा है। डेंगू मलेरिया की दृष्टि से अति संवेदनशील ग्रामों मोहल्लों की सूची संबंधित विभागों को उपलब्ध कराई गई है और उन क्षेत्रों में नियमित सतर्कता बरती जा रही है।
लक्षण
हड्डियों, जोड़ों, सिर व बदन में दर्द के साथ बुखार आये, शरीर पर चकत्ते पड़ जायं। डीहाइड्रेशन हो तो डेंगू हो सकता है। कंपकपी ठंडक लगकर बुखार, उल्टी मिताली आये तो मलेरिया हो सकता है। इनमें से कोई लक्षण दिखे तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर समय से जांच उपचार करायें। बुखार की स्थिति में घबरायें नहीं, बल्कि पूरी तरहां से आराम करें। तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ओआरएस घोले का उपयोग करें। ताजे फल सब्जियों का सेवन करें। तले भुने गरिष्ठ भोजन से परहेज करें। अपने से दवाएं न लें। झोला छाप डॉक्टर से बचे। समय से प्रशिक्षित डॉक्टर या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर दिखायें।
बुखार में देरी पड़ेगी भारी, समय से जांच उपचार कराएं निभाएं जिम्मेदारी। जलजमाव होगा जहां, मच्छर पैदा होंगे वहां।। बरते सावधानी, लगायें मच्छरदानी। हम सबका अब यही हो नारा, डेंगू मलेरिया मुक्त हो देश हमारा। साफ सफाई अपनाओ, जल जमाव हटाओ, मच्छर जनित बीमारियां दूर भगाओ।।