- जिला अस्पताल में प्रतिदिन पहुंच रहे सैकड़ों पीड़ित
- इंजेक्शन लगाने के बाद डाक्टर लिख रहे दवा और दे रहे सुझाव
सुनील शर्मा
जौनपुर। शहर की सड़कों और गलियों में इस समय आवारा खूंखार कुत्ते विचरण कर रहे हैं जो चलते फिरते राहगीरों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसका जीता—जागता प्रमाण जिला अस्पताल में देखा जा रहा है जहां पीड़ित लगातार पहुंच रहे हैं। डाग बाइट कक्ष में सुबह समय से कक्ष खुलते ही डाग बाइट पीड़ितों की कतार लग जा रही है। ओपीडी कक्ष में बैठे डाक्टर पीड़ितों का कंडीशन देखकर दवा लिखने के साथ इंजेक्शन लगवाने को कक्ष में भेज रहे हैं। वैसे जिला अस्पताल में एंटी रैबीज की कमी नहीं है। दवा स्टोर प्रभारी मनोज तिवारी ने बताया कि वर्तमान में 7 हजार वायल मौजूद है। शनिवार को पर्ची काऊंटर से 1298 नये लोग पहुंचकर पर्ची कटवाया जिसमें 111 नये मरीज सिर्फ डाग बाइट के पहुंचे। इसके आलावा 289 मरीज पुराने रहे। यानी कुल 4 सौ मरीजों को एआरवी लगा। वहीं डा. अजय सिंह बताते हैं कि भीड़ होने का एक वजह यह भी है कि ग्रामीण इलाके से भी मरीज पहुंच रहे हैं।
- कुत्ता काटने पर क्या करें, डाक्टर दे रहे सुझाव
जौनपुर। जिला अस्पताल में एआरवी के नोडल अधिकारी डा. राम नगीना बताते हैं कि अगर कुत्ता काटता है तो कत्तई घबराएं नहीं। जिस स्थान पर काटा है, उस जगह पर पानी की धार गिराते हुए किसी भी साबुन से 15 मिनट तक रगड़ कर धुलें। इसके बाद बीटाडीन मरहम लगाने के बाद डाक्टर से सम्पर्क कर सलाह लेकर इलाज करायें। यदि खून बह रहा है तो एमरजेंसी में जाकर टाका लगवायें। सबसे ध्यान देने वाली बात यह है कि नाखून लगने से कोई दिक्क़त नहीं होती है। सामान्य कुत्ता काटा है तो 4 डोज समय—समय पर लगवाएं। अगर पागल कुत्ता काटा है तो एक डोज सीरम लगवाना जरूरी है। कुछ लोग सामान्य कुत्ता पालने के शौकीन होते हैं तो कुत्ते का टीकाकरण जरूरी है। झाड़—फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिये।
- एक नजर में तीन दिनों में लगी एआरवी
तारीख नया - पुराना
21 अगस्त 29 - 111
22 अगस्त 44 - 76
23 अगस्त 38 - 102
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कुल:— 111 - 289
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