• सचिव को बर्खास्त करने के लिये बीडीओ ने जिला प्रशासन को लिख दिया पत्र
तरूण चौबे
सुजानगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के बाबूरामपुर ग्रामसभा में संचालित गौशाला में पिछले दिनों गोवध करते हुए आरोपियों को लोगों ने रंगेहाथ पकड़ा गया था। इसमें प्रधानपति समेत सभी 4 आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज जांच जारी है तथा प्रधान व सचिव को इस हत्याकांड में बर्खास्त करने के लिये जिला प्रशासन को लिखित भेज दिया गया।

ग्रामीणों के मुताबिक यह अपराध पिछले कई दिनों से चल रहा था तो बड़ा सवाल यह उठता है कि कई दिनों से चल रहे इस अपराध की भनक बड़े अधिकारियों को थी या नहींं? लगातार बड़ी मात्रा में गौशाला से जब पशु गायब होते जा रहे थे तो उस समय क्यों नहीं अधिकारियों की नींद खुली? इस बात से यह आशंका जाहिर हो रही है कि हो न हो इतनी बड़ी घटना के पीछे किसी बड़े चेहरे का हाथ जरूर है।


विश्व हिंदू परिषद के सह प्रांत धर्म प्रसार प्रमुख विशम्भरनाथ दूबे ने आरोप लगाते हुए बताया कि गोशाला में जितना रजिस्टर में गोवंश दर्ज हैं, उसके अनुसार अभी 18 गोवंश गायब हैं जिसके बाद उपस्थित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के पास कोई जवाब नहीं रहा। गुरूवार को 10 गोवंश बाबूरामपुर गोशाला में लाये गये। इन 10 गोवंश को जोड़कर गिनती करने पर 66 (66+45=111 बाकी गोवंश कहां) गोवंश मौजूद रहे। जिले के आला अधिकारियों के समक्ष जबकि सरकारी आंकड़ा 129 गायों का है।

पूछे जाने पर पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 45 गोवंश 1 एवं 2 मार्च को बेरमाव गांव की गोशाला में शिफ्ट किया गया है तुरंत ही पूरी टीम बेरमाव गौशला पहुंची जहां सरकारी आंकड़े के अनुसार 262 गोवंश वहां के रजिस्टर में दर्ज हैं। यदि पशु चिकित्सा अधिकारी की मानें तो 262+45=307 गोवंश होने चाहिए। हमने गिनती की जिसमें 285 गोवंश ही थे किंतु मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बगैर गिनती किये अपनी रिपोर्ट में 306 गोवंश होने की पुष्टि की अर्थात लीपापोती का कार्य जारी है। अब देखना यह है कि खुद को गोवंश का रक्षक बताने वाली योगी सरकार इतने बड़े गोवध मामले में किस प्रकार का संज्ञान लेती है।