• सेवा का अर्द्धशतक लगा चुके योद्धाओं का अनाज बैंक द्वारा सम्मान
  • कोरोना संकट में अनाज बैंक की सेवा के 50 दिन
  • कोरोना लॉकडाउन के दौरान अनाज बैंक भूख पीड़ितों की सेवा के लिये 24 घंटे की रसोई चला रहा है
  • संकट काल में अनाज बैंक ने सेवा के 50 दिन पूरे किये
  • अनाज बैंक ने 50 दिन में, 50 समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ 50 हजार भोजन का पैकेट वितरित किया, जिसमें 2 लाख रोटी शामिल हैं
  • अनाज बैंक भोजन के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिये पालक और लौकी का सूप, बच्चों के लिये दूध, दाल का पानी, बिस्किट और बीमार जनों के लिये खिचड़ी भी देता है।
  • अनाज बैंक ने 50 दिन में 3000 बच्चों को ‘इन्द्रेश बाल पोटली’, 410 रोजेदारों को ‘इन्द्रेश रोजेदार पोटली’, 100 किन्नरों को ‘इन्द्रेश सम्मान पोटली’, कोरोना योद्धाओं 1000 पुलिसकर्मियों, 500 सफाईकर्मियों, 100 स्वास्थ्यकर्मियों, 100 सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं 50 मीडियाकर्मियों को ‘पेप्सीको सेवा पोटली’ दिया।
  • कैंसर हॉस्पिटल के मरीजों एवं उनके तीमारदारों के लिये भोजन
  • प्रतिदिन भोजन में रोटी, चावल, सब्जी एवं दाल का पानी
  • अनाज बैंक का कंट्रोल रूम नई दिल्ली और वाराणसी में बनाया गया है
  • अनाज बैंक ने 7 विभाग बनाये है- खाद्य सामग्री व्यवस्था, समन्वय, भोजन निर्माण, पोटली निर्माण, वितरण विभाग, कम्प्यूटर एवं सोशल मीडिया विभाग।
  • सेवा टीम में 15 बच्चे भी शामिल।
  • अनाज बैंक द्वारा प्रति व्यक्ति 260 ग्राम चावल, 260 ग्राम सब्जी, 100 ग्राम दाल और 240 ग्राम रोटी दिया जाता है।
  • लॉकडाउन के अंतिम दिन तक अनाज बैंक की सेवा जारी रहेगी।
  • अनाज बैंक से जुड़े सेवा का अर्द्धशतक लगाने वाले योद्धाओं का हुआ सम्मान।

News Portal Aap Ki Ummid
वाराणसी। बुन्देलखण्ड का रहने वाला चतुर्भुज रोजी-रोटी की तलाश में वाराणसी आया था। वाराणसी के सारनाथ स्टेशन के पास हीरामनपुर में अपने पूरे परिवार के साथ रहकर आईसक्रीम बेचता था। कोरोना लॉकडाउन के दौरान काम धंधा बंद हो गया। पूरा परिवार और उसके बच्चे भूख से परेशान हो गये। कहीं से मदद नहीं मिली तो अनाज बैंक के हेल्पलाईन नम्बर पर फोन किया। अनाज बैंक के भोजनदूत 18 लोगों के लिये भोजन लेकर पहुंचे। अब चतुर्भुज और उसका परिवार अपने गांव जालौन जिले के खजुरी पहुंच चुके हैं। गांव पहुंचने के बाद चतुर्भुज ने अनाज बैंक के चेयरमैन डा० राजीव श्रीवास्तव को फोन कर कहा कि अनाज बैंक ने जो सेवा की है, कोई अपना भी नहीं करता है। मैं और मेरे बच्चे पूरी जिन्दगी अनाज बैंक के एहसान को नहीं भूल सकते है। अगले साल बनारस आऊंगा तो आपसे जरूर मिलूंगा। अनाज बैंक के चेयरमैन डा० राजीव श्रीवास्तव ने अनाज बैंक, बुन्देलखण्ड की निदेशक डा० अमिता सिंह को इन लोगों के बारे में बताया और वहां से मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। केवल चतुर्भुज ही नहीं ऐसे हजारों मजदूर लॉकडाउन में फंस गये थे। भूख से पीड़ितों की सेवा के लिये विशाल भारत संस्थान द्वारा संचालित अनाज बैंक 24 घंटे की रसोई चला रहा है, ताकि कभी भी सूचना मिले तो वहां तक भोजन पहुंचाया जा सके।
कोरोना संकट काल में अनाज बैंक के 50 समर्पित योद्धाओं ने 50 हजार भोजन की पोटली तैयार की। सुभाष भोजन पोटली 260 ग्राम चावल, 260 ग्राम सब्जी, 100 ग्राम दाल, 240 ग्राम रोटी प्रति व्यक्ति बनायी जाती है। अब तक समर्पित कार्यकर्ताओं ने 2 लाख रोटी बनाकर वितरित किया है। इसके अलावा 410 रोजेदारों को ‘इन्द्रेश रोजेदार पोटली’, 3000 बच्चों को ‘इन्द्रेश बाल पोटली’, 100 किन्नरों को ‘इन्द्रेश सम्मान पोटली’, कोरोना योद्धाओं 1000 पुलिसकर्मियों, 500 सफाईकर्मियों, 100 स्वास्थ्यकर्मियों, 100 सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं 50 मीडियाकर्मियों को ‘पेप्सीको सेवा पोटली’ पहुंचायी जा चुकी है। 50 गर्भवती महिलाओं को पालक और लौकी का सूप, 100 बच्चों को दूध और दाल का पानी दिया जा रहा है।
कोरोना संकट काल में अनाज बैंक की सेवा के 50 दिन पूरे होने पर विशाल भारत संस्थान द्वारा सम्मान कार्यक्रम सुभाष भवन, इन्द्रेश नगर, लमही में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी (आपूर्ति) नलिनी कान्त सिंह एवं उपायुक्त (उद्योग) वीरेन्द्र कुमार ने संयुक्त रूप से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के मंदिर में दीपक जलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। अनाज बैंक में 24 घंटे भोजन बनाकर सेवा कर रहीं 13 महिला कोरोना योद्धाओं को मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी (आपूर्ति) नलिनी कान्त सिंह एवं उपायुक्त (उद्योग) वीरेन्द्र कुमार ने चुनरी ओढ़ाकर सम्मानित किया। भोजन निर्माण में लगी 13 महिलाओं ने 50 दिनों में 2 लाख रोटी और 50 हजार भोजन का पैकेट तैयार किया जिसको अनाज बैंक के भोजनदूतों ने भूख पीड़ितों तक पहुंचाया। अनाज बैंक की प्रबंध निदेशक अर्चना भारतवंशी को बेहतर प्रबंधन एवं प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय के लिये आत्म प्रकाश सिंह को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाली महिलाओं में पूनम श्रीवास्तव, मैना देवी, उर्मिला पटेल, सुनीता श्रीवास्तव, सरोट पटेल, लीलावती, प्रभावती, पार्वती देवी, अर्चना श्रीवास्तव, प्रियंका श्रीवास्तव, किसुना देवी, गीता देवी, रमता श्रीवास्तव शामिल थीं।
कोरोना योद्धाओं के सम्मान कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने ऑनलाईन सम्बोधन में कहा कि अनाज बैंक कोरोना संकट के समय भूख पीड़ितों के लिये मसीहा बनकर उभरा है। समर्पित सेवकों के बल पर 50 हजार भोजन का पैकेट तैयार करना और लगातार 50 दिनों तक सेवा करना मानवता के प्रति अपार समर्पण है। अनाज बैंक ने अपने नारे कोई भी भूखा न सोए को संकट के काल में पूरी तरह से चरितार्थ कर दिया है।
मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी (आपूर्ति) नलिनी कान्त सिंह ने कहा कि अनाज बैंक की लगातार 50 दिनों तक सेवा सराहनीय है। अनाज बैंक जैसे मॉडल की देश के हर हिस्से में आवश्यकता है। भूख पीड़ितों की मदद आज बहुत बड़ी चुनौती है, जिसको सामाजिक सहभागिता के बिना पूरा नहीं किया जा सकता।
विशिष्ट अतिथि उपायुक्त (उद्योग) वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि अनाज बैंक के भोजन की गुणवत्ता, पारदर्शिता और सेवा अतुलनीय है। अनाज बैंक ने संकट के समय न सिर्फ लोगों को भोजन उपलब्ध कराया बल्कि इसके भोजनदूतों ने अपनी सेवा से लोगों के दिल जीत लिये।
अनाज बैंक के संस्थापक चेयरमैन डा० राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि अनाज बैंक ने सभी वर्ग का ध्यान रखा है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किन्नरों को भोजन की गारंटी और अनाज की पोटली दी गयी है। जब तक कोरोना लॉकडाउन चलेगा अनाज बैंक तब तक सेवा करता रहेगा। अनाज बैंक के पास न ही कोई बहाना है और न ही कोई शिकायत कि हम सेवा करना छोड़ दें।
कार्यक्रम का संचालन अर्चना भारतवंशी ने किया। कार्यक्रम में नजमा परवीन, नाजनीन अंसारी, डा. मृदुला जायसवाल, मो. अजहरूद्दीन, इली भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, शालिनी भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, रोजा भारतवंशी, तबरेज भारतवंशी, राशिद भारतवंशी, ताजीम भारतवंशी, पौरिक सिंह राणावत ने पोटली निर्माण में सहयोग किया। कार्यक्रम में किन्नर समाज की निशा एवं ललिता की उपस्थिति रही। जिला आपूर्ति अधिकारी (DSO) दीपक वार्ष्णेय भी मौजूद रहे।

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