जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र निवासी विवाहिता की दरखास्त पर उसके जेठ व एक अन्य आरोपी पर दुष्कर्म का,देवर पर छेड़खानी तथा थानाध्यक्ष व पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट ने वाद दर्ज किया तथा थाना जलालपुर से रिपोर्ट तलब की।
जलालपुर थाना क्षेत्र निवासी विवाहिता ने अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रार्थना पत्र दिया कि उसका विवाह जलालपुर में हुआ था। उसके दो बच्चे भी हुए। उसके पति मुंबई में रोजगार करते थे। बीच-बीच में आते थे। उसका देवर उसकी बच्ची के साथ अश्लील हरकत करता था। जब वह विरोध करती थी तो उसे जान से मारने की धमकी देता था। उसकी हरकतों से तंग आकर पति से कह कर दूसरा कमरा लिया लेकिन बाद में पति के आग्रह पर उसके साथ रहने के लिए मुंबई चली गई।
मुंबई में उसके जेठ एवं जेठ के साथी ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। नशीला पदार्थ चाय में मिलाकर पिला दिया था जिससे  वह बेहोश हो गई थी। होश में आने पर विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। वह अपने रिश्तेदारों के सहयोग से ट्रेन से वाराणसी आई तथा वहां से अपने मायके पहुंची। जेठ देवर व अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए थानाध्यक्ष जलालपुर, पुलिस अधीक्षक, महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग व डीजीपी को प्रार्थना पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजा लेकिन कोई कार्रवाई आरोपियों के खिलाफ नहीं की गई।
दुष्कर्म के मामले में एफआईआर दर्ज करना थानाध्यक्ष और थानाध्यक्ष के एफआईआर दर्ज न करने पर दरखास्त के बाद एफआईआर दर्ज करवाना पुलिस अधीक्षक का कानूनी कर्तव्य व प्रावधान है। थानाध्यक्ष व पुलिस अधीक्षक ने प्रावधानों की अवहेलना किया। वादिनी ने आरोपियों तथा पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना की न्यायालय से प्रार्थना किया।




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