जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम एकता कुशवाहा ने जफराबाद थाना क्षेत्र के जमैथा निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेश सिंह हत्याकांड में चार आरोपियों को दोषी करार दिया कोर्ट ने चारों आरोपियों के दंड के प्रश्न पर सुनवाई के लिए मंगलवार की तिथि मुकर्रर किया है। षड्यंत्र रचने के दो आरोपियों जिला पंचायत सदस्य पप्पू यादव एवं शेर बहादुर को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
मृतक राजेश के चचेरे भाई दुर्गेश कुमार सिंह ने जफराबाद थाने में चार नाम पता अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज कराया था कि 17 सितंबर 2014 की शाम वह टहलने निकले थे कि करीब 8:45 बजे रात जब वह बाबा परमहंस तिराहे पर पहुंचे सुनील सिंह के मकान की ओर से गोली चलने की आवाज सुनाई दी। दौड़कर करीब पहुंचे तो देखा दो व्यक्ति दो मोटरसाइकिल पर स्टार्ट कर के बैठे हैं और दो व्यक्ति सड़क के किनारे खड़ी सफेद कार पर गोली चला रहे हैं। गोली मारकर मोटरसाइकिल से आरोपित जौनपुर की ओर भागे। मैंने मोटरसाइकिल एवं पास खड़ी कार की हेड लाइट की रोशनी में देखा।
मौके पर पहुंचा तो कार के पीछे सीट पर मेरे भाई राजेश सिंह लहूलुहान गिरे पड़े थे। जौनपुर की तरफ से भाई बृजेश सिंह एवं पंकज सिंह आ गए। जिन्होंने घटना और बदमाशों को भागते देखा पास ही में सुंदरी सिंह के यहां गया का भोज चल रहा था। वहां मौजूद लोगों में से मनोज, अरविंद, सर्वेश आदि ने घटना देखा एवं बदमाशों को भागते देखा। राजेश को तत्काल जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने घटना के 5-6 दिन बाद आरोपित आनंद यादव, मनोज, बृजेश को जफराबाद रेलवे क्रॉसिंग के पास मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने जमैथा के जिला पंचायत सदस्य दीपक उर्फ पप्पू यादव,शेर बहादुर यादव एवं रजनीकांत का भी हत्याकांड में शामिल होना बताया। आनंद की निशानदेही पर आलाकत्ल पिस्टल बरामद हुआ।
एडीजीसी मनोज गुप्ता, प्रवीण सिंह व बृजेश सिंह ने गवाहों को परीक्षित कराया। मामले में राजीव गांधी हत्या कांड से संबंधित रूलिंग कोर्ट में दाखिल की गई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपित आनंद, बृजेश, मनोज और रजनीकांत को हत्या के जुर्म में दोषी करार ठहराया। दीपक व शेर बहादुर को षड्यंत्र के आरोप से दोषमुक्त कर दिया।





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