सिकरारा, जौनपुर। श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में पांचवें दिन सोमवार शाम कथा व्यास कौशलेंद्र महाराज ने श्रीकृष्ण लीला का भावपूर्ण वर्णन करते हुए श्रोताओं को प्रेम, वात्सल्य और भक्ति रस में मंत्रमुग्ध कर दिया।
ककोहिया गांव स्थित बसन्तविद्यापीठ इण्टरकालेज के प्रबन्धक खुशहाल सिंह के घर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन की कथा को श्रवण कराते हुए कथा व्यास कौशलेंद्र महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कराते हुए कहा कि कन्हैया जैसी लीला मनुष्य क्या कोई अन्य देव नहीं कर सकता। लीला और क्रिया में अंतर होता है, भगवान ने लीला की है। जैसे जिसको कर्तव्य का अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा हो तो वह क्रिया कहलाती है। जिसको न तो कर्तव्य का अभिमान है और न ही सुखी रहने की इच्छा हो बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने यही लीला की जिससे सभी गोकुलवासी सुखी थे।
उन्होंने कहा कि माखन चोरी का रहस्य मन की चोरी से है। कन्हैया ने अपने भक्तों के मान की चोरी की है। इस प्रकार उन्होंने तमाम बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बैठे श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। तत्पश्चात पूतना वध, गोवर्धन लीला के अलावा रासलीला का भी वर्णन किया। इस मौके पर विनय सिंह, सुनील सिंह दादा, अनिल सिंह, अशोक सिंह, रमेश सिंह, इन्दुप्रकाश तिवारी, प्रेमचंद सिंह सहित तमाम श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण के पश्चात प्रसाद ग्रहण किया।



DOWNLOAD APP