• सात दिवसीय श्री राम कथा अमृत वर्षा का हुआ समापन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में चल रहे श्री राम कथा का शनिवार को समापन हुआ। राम कथा में सातवें दिन श्रोतागण भावुक हो गए। श्रीराम कथा अमृत वर्षा में आचार्य शान्तनु महाराज ने कहा कि भगवान राम की कथा कभी खत्म नहीं हो सकती। हरि अनंत हैं और उनकी कथा भी अनंत है। एक एक चौपाई, दोहा, श्लोक, छंद, स्तुति यहाँ तक की कथा का एक एक शब्द पूर्ण है।

राम की कथा सात जन्मों में भी कोई पूर्ण नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भगवान की कथा सुनने से मन निर्मल हो जाता है और मन में दोषों के लिए कोई जगह नहीं बचती है। आज शनिवार को केवट संवाद के साथ कथा शुरू हुई। केवट ने कहा कि प्रभु हम आपसे पैसा नहीं लेंगे क्योंकि हमारा आपका व्यवसाय एक है। हम नाव से गंगा पार कराते हैं आप भवसागर से पार कराते हैं। उन्होंने कहा कि कथा का सूत्र है भगवान प्रतीक्षा से मिलते हैं परीक्षा से नहीं। आज हम लोग चमत्कार का इंतजार करते हैं।
कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव ने आचार्य शांतनु महाराज को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इसके साथ रामकथा में हारमोनियम पर अमन मिश्र, तबला पर शंकर दा, वायलिन पर सुरेश, बांसुरी पर सुनील, सह गायक अंकित पाठक, सर्वेश तिवारी एवं प्रदीप, सौरभ शास्त्री रहे जिन्हें भी सम्मानित किया गया। संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने किया।
व्यास पूजा में कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एमके सिंह, परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. केपी सिंह, प्रो. ओपी सिंह, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अजय द्विवेद्वी, लखन सिंह, डॉ. अनिल यादव, डॉ. केएस तोमर, राकेश यादव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. संजय श्रीवास्तव आदि मौजूद रहें।




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