जौनपुर। विश्व अल्जाइमर्स दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. हरिनाथ यादव ने बताया कि यदि आप छोटी-छोटी बातें भूल रहे हैं तो सावधान हो जाइए। बढ़ती उम्र के साथ मनुष्य में व्यापक शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन होते हैं। मानव शरीर जब वयस्क अवस्था से वृद्धावस्था की तरफ बढ़ने लगता है तब प्राकृतिक रूप से शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति भी क्षीण होने लगती है। अगर आप धीरे-धीरे चीजें भूल रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ये अल्जाइमर के लक्षण हो सकते हैं।

  उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स दिवस मनाया जाता है। इसका नाम एलोइस अल्जाइमर्स के नाम पर रखा गया जिन्होंने सबसे पहले इस बीमारी का विवरण दिया। इसके लक्षण याददाश्त में कमी, निर्णय न ले पाना, सामान्य कामकाज में कठिनाई, समय एवं स्थान में असमन्वय, चीजों को यत्र तत्र रखना, मूड एवं स्वभाव में बदलाव आदि हैं।
  डा. यादव ने कहा कि ज्यादातर 60 वर्ष की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज नहीं है। हालांकि बीमारी की शुरूआत में नियमित जांच एवं इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है। रक्तचाप, आधुनिक जीवन शैली एवं सिर में चोट लगने के कारण इस बीमारी इस बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र का क्षण, मस्तिष्क में बीटा एमोलाइड प्रोटीन का इकट्ठा होना, एसीटाइल कोलीन, नॉलएपीनेक्रीन केमिकल की मस्तिष्क में कमी होना इस बीमारी के कारण हैं।
  याददाश्त बढ़ाने के उपाय को बताते हुए उन्होंने कहा कि रोजाना योग एवं व्यायाम करके अल्जाइम के प्रभाव को कम किया जा सकता है। अल्जाइमर के दौरान दिमाग में बढ़ने वाले जहरीले बीटा एमिलॉयड नामक प्रोटीन के प्रभाव को ग्रीन टी के माध्यम से कम किया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, फलिया, साबुत अनाज, मछली, जैतून के तेज से अल्लाइम रोग से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त नियमित जांच एवं दवाइयों के द्वारा इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।



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