जौनपुर। विद्यार्थी किसी भी राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण अंग होते हैं। प्राथमिक कक्षाओं में उन्हें जिस भी स्तर का औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त हो जाता है, वह जीवन पर्यंत उनके मनोभावों को प्रभावित करता रहता है, इसलिये बच्चों को बचपन से ही योग की संस्कारशाला में संस्कारित करके न केवल उनके बचपना को संवारा जा सकता है, बल्कि नियमित व निरन्तरता के साथ प्राणायामों का अभ्यास उन्हें हर तरह से सबल बनाते हुये अन्तर्निहित शक्तियों का विकास करता है, इसलिये प्रत्येक शिक्षक को नियमित रूप से बच्चों को प्राणायामों का अभ्यास सुबह प्रार्थना स्थल पर ही कराना चाहिये।

उक्त बातें जूनियर हाईस्कूल कबीरूद्दीनपुर विकास खण्ड धर्मापुर में बच्चों के लिये कराये जा रहे विशेष योग प्रशिक्षण शिविर में खण्ड शिक्षा अधिकारी सुधा वर्मा ने कही। इसी क्रम में योग प्रशिक्षक अचल हरीमूर्ति ने बताया कि योगाभ्यासों का बच्चों के व्यवहारिक पक्षों पर भी बहुत ही गहरा असर पड़ता है। निश्चित रूप से भारत की यह प्राचीनतम विधा योग के क्रियात्मक एवं सैद्धांतिक पक्षों का अभ्यास हर शिक्षण संस्थानों में नियमित व निरन्तरता के साथ होना चाहिये जो हर दृष्टि से विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों के लिये हितकारी है।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान संगीता यादव, प्रधानाध्यापक मजाहिर आलम, पद्माकर राय, आशा यादव, गोमती, मुन्ना लाल यादव, विजय कुमार, आनन्द सिंह सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।




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