जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में गुरुवार को फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के प्रो. देवेन्द्र मोहन ने नॉनलीनियर फाइबर ऑप्टिक्स पर व्याख्यान दिया। साथ ही बताया कि इस विधा में नयी टेक्नोलॉजी का प्रयोग हुआ है।
नॉनलीनियर ऑप्टिक्स से नये आवृत्ति का उत्पादन, सुपर कंटिन्यूअम जनरेशन जैसी प्रक्रियाएं उत्पादित होती हैं। इसके माध्यम से नये मेडिकल अनुप्रयोग भी संचालित हो रहे हैं। इन अनुप्रयोगों में कम कीमत पर चिकित्सा सुविधा देना। इसी क्रम में केन्द्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन चण्डीगढ़ के वैज्ञानिक डा. राजकुमार ने होलोग्राफी पर अपना व्याख्यान देते हुये बताया कि इससे अति सटीक सेंसिंग की जाती है। डिजिटल होलोग्राफी के बारे में बताया कि इसके माध्यम से किसी भी इलेक्ट्रिकल डिवाइस की विश्वसनीयता जांची जा सकती है।
प्रो. डीएन नगलक्ष्मी ने नैनोमेडिसिन पर अपना मत रखते हुये बताया कि ड्रग डिलीवरी सिस्टम में नैनो मेडिसिन का अहम रोल है, क्योंकि नैनोमेडिसिन का पृष्ठ क्षेत्रफल अधिक होने से यह आंतरिक अंगों के उपचार में विशेष रूप से प्रभावी होगी। प्रो. श्रीकांत ने लैब ऑनचिप पर प्रकाश डालते हुये बताया कि मधुमेह की चिकित्सा में इसके अच्छे परिणाम हो रहे हैं और उसके जांचने की मशीन भी कम कीमत में उपलब्ध हो सकेंगी। इस मौके पर आये सभी अतिथियों का स्वागत टेकिप के समन्वयक प्रो. बीबी तिवारी ने किया।
इस अवसर पर डा. संतोष कुमार, रवि प्रकाश, ज्योति सिंहः, रितेश बरनवाल, शैलेश प्रजापति, प्रवीण सिंह, अजय, ज्योति, प्रशांत, विशाल यादव, प्रवीण सिंह, ज्ञानेन्द्र, दिलीप, अनीश, पूनम सोनकर, प्रीति, जया सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।




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