• कहा- 'कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहा रही है'

सुरेश गांधी
सोनभद्र। सोनभद्र में हुए नरसंहार मामले में सियासी घमासान जारी है। प्रियंका गांधी के बाद रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र जाकर उम्भा गांव में मृतकों के परिजनों के साथ मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने मृतकों के परिवार को मिलने वाले मुआवजे की रकम भी 5 लाख से बढ़ाकर 18.50 लाख रुपये कर दी। जबकि ढाई लाख रुपए घायल के परिवार को दिये जाने की बात कहीं। इसके साथ ही उन्होंने प्रियंका का नाम लिए बगैर कहा ये पाप कांग्रेस के नेताओं का किया हुआ है। जिन लोगों ने ये पाप किया है उनका कनेक्शन समाजवादी पार्टी से भी हैं। उनके आर्थिक गठजोड़ रहे हैं। सरकार इसकी तह में जायेगी। इस मामले में जो लोग घड़ियाली आंसू बहाने का काम कर रहे हैं, सब उन्हीं की पृष्ठभूमि एवं कार्यकाल में रची गई थी। जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस दौरान सीएम ने घायलों के परिजनों को विद्यालय के समीप बने छोटे से मंच पर बुलाकर 50-50 हजार रुपये का चेक दिया।

सीएम ने कहा कि नरसंहार कांड का मुख्य आरोपित ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त सपा का कार्यकर्ता रहा है। इसके साथ ही वह मौका परस्त भी है। उसे कठोर सजा मिलेगी। सीएम ने कहा कि सोनभद्र में ओबरा को तहसील बनाने के साथ ही करमा व कोन का ब्लाक बनाया जाएगा। घोरावल में फायर स्टेशन के साथ पुलिस चौकी खोली जाएगी। जिससे लोगों को समस्याओं को लेकर अधिक भागदौड़ न करनी पड़े। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनपद के 1952 से लेकर अब तक के राजस्व के सभी मामलों की जांच की राजस्व परिषद के अध्यक्ष के नेतृत्व में कराई जाएगी। इस दौरान जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उभ्भा की भूमि के सोसाइटी के नाम पर होने के सवाल पर कहा कि इसकी भी जांच होगी कि कैसे ग्राम समाज की भूमि को सोसाइटी, फिर सोसाइटी से व्यक्ति विशेष के नाम कर दी गई। इसके साथ ही रोजगार के लिए स्किल डवलपमेंट केंद्र यहां खोला जाएगा।
बता दें, 17 जुलाई को हुई घटना में 10 लोग की मृत्यु हो गई थी। 28 लोग घायल हो गए थे। इनके परिवारीजनों से मिलने सीएम योगी उम्भा गांव पहुंचे थे। उनके साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे, डीजीपी ओपी सिंह, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी थे। सीएम हर उस पीड़ित परिवार के सदस्य मिल रहे थे, जो वहां पर मौजूद था। इस दौरान उन्होंने पीड़ितों को भरोसा दिया कि जितना बन पड़े वे अपनी तरफ से पूरा प्रयास करेंगे और जल्द से जल्द जो अपराधी इस पूरे घटनाक्रम के पीछे हैं उनको सलाखों के पीछे डाला जाएगा। सीएम योगी ने लेगों से कहा कि आप लोग गांव में रहें सरकार आपकी सुरक्षा की व्यवस्था कराएगी। घायलों के सारे खर्चे को सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा। कहा कि जो लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उन्हीं की सरकार के समय यहां के गरीबों को जमीन से वंचित करने का काम किया गया था। गरीबों के हक पर डकैती डालोगे तो जेल के अंदर सड़ते रहोगे। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पीड़ित परिवार के लोगों के लिए अनुसूचित जनजाति, मुसहर जाति और जुड़े जाति के लोगों को आवास और शौचालय उपलब्ध कराएं। बिजली हुई तो ठीक, नहीं तो सोलर पैनल की व्यवस्था की जाए। उम्भा गांव में पुलिस की चौकी भी खोलने की बात सीएम ने कही। आंगनबाड़ी केंद्र और कार्यकत्री की नियुक्ति कर इस गांव की बच्चियों को जोड़े जाएं। घोरावल में अग्निशमन केंद्र की व्यवस्था किए जाएं। साठ साल के ऊपर अनुसूचित जन जाति के पात्र बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को अनिवार्य रूप से पेंशन राशन कार्ड आवास शौचालय की व्यवस्था के साथ जूनियर हाई स्कूल की व्यवस्था सुनिश्ति किए जाएं। सीएम ने कहा इस मामले में ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त और उसके भाई समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) के नेतृत्व में एक समिति भी गठित की गई है जो 10 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
क्या है पूरा मामला
सोनभद्र में घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से खरीदी गई 90 बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर जमीन जोतने की कोशिश की। विरोध करने पर उसकी तरफ के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस वारदात में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। एक घायल ने बाद में दम तोड़ दिया.त्र। 28 अन्य जख्मी हो गए। प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार शाम लगभग पांच बजे मृतकों के शव लेकर उभ्भा गांव पहुंचे। शवों को देखते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। शवों को दफ़नाने के स्थान को लेकर प्रशासन एवं ग्रामीणों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई। गांव वालों की मांग थी कि जहां गोली चली है। शवों को उसी ज़मीन में दफ़नाया जाए जबकि प्रशासन का कहना था कि परम्परागत स्थान पर ही दफ़नाया जाएगा। अंततः देर रात मामले में गतिरोध समाप्त हो गया और अधिकारियों ने ग्रामीणों को उनकी जिद छोड़ने के लिए मना लिया।

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