• भारत की अखंडता में भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का योगदान विषयक विशेष व्याख्यान का आयोजन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विश्वेश्वरैया सभागार में रविवार को भारत की अखंडता में भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का योगदान विषयक  विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। सम्बोधित करते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि बाबा साहब को समझने के लिए उनके रास्ते पर चलना पड़ेगा। बाबा साहब अंबेडकर प्रखर राष्ट्रवादी एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री थे। उन्होंने अपनी पीएचडी के दौरान शोध निष्कर्ष में लिखा था कि अंग्रेजों की आर्थिक नीतियां भारत को लूटने का कार्य कर रही हैं। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने सबसे पहले यूरोपीय विद्वानों की अवधारणा को गलत ठहराया जिसमें आर्य को बाहर का एवं द्रविण को स्थानीय बताया गया था। उनका कहना था कि आर्य भारत के मूल निवासी थे।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने छुआछूत एवं  अस्पृश्यता का सदा विरोध किया। हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों का विरोध किया। उन्होंने इसलिए बौद्ध धर्म को स्वीकार किया जिससे राष्ट्रहित को कोई क्षति न पहुंचे जबकि उनके पास इस्लाम और ईसाई धर्म ग्रहण करने का समान अवसर उपलब्ध था।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजाराम यादव ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर गहन अन्वेषक थे। अध्ययन ने ही उनको महान बनाया। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के सपनों को साकार करने के लिए विश्वविद्यालयों को और मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जगह शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रालय बनाया जाए। विश्वविद्यालय के भविष्यगत योजना पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अशोक सिंघल परंपरागत विज्ञान एवं तकनीकी संस्थान की स्थापना कर हम अपने परंपरागत ज्ञान नवीन शोध के जरिए मानव कल्याण के लिए प्रस्तुत करेंगे। टेकिप की उपलब्धियों को प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसर बीबी तिवारी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
संचालन डॉ. मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संतोष कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. प्रवीण सिंह, शैलेश प्रजापति, नितेश जायसवाल, संतोष त्रिपाठी, सत्यम उपाध्याय, अनिल मौर्य, श्याम त्रिपाठी, संतोष उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने रविवार की शाम प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान का भ्रमण किया। उन्होंने वहां शोध कार्य के लिए लगे जीटा एपीएस एवं टीपीएस 500 को देख उसके सन्दर्भ में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि यह नवीनतम उपकरण है जो किसी विश्वविद्यालय में लगाया गया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे शोध कार्यों को नई दिशा मिलेगी। इस अवसर पर कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. पुनीत धवन आदि उपस्थित रहे।




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