सौरभ सिंह
सिकरारा, जौनपुर। एक तरफ़ सरकार कार्य में शिथिलता बरतने वालो के उपर सख्त है तो वही कुछ नौकर शाह अपने मनमुताबिक कार्य करना पसंद करते है। जी हाँ, विकासखंड के जीरकपुर ग्रामसभा के उचित दर विक्रेता द्वारा कार्डधारकों से अनियमितता व अंगूठा लगवाकर राशन ना देने पर प्रधान सहित दर्जनों लोगों ने पिछले तहसील दिवस पर उपजिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था। विभाग की लापरवाही से अब तक जाँच अधूरा पड़ा है।
ग्राम सभा के प्रधान संतोष गुप्ता व अन्य ग्रामीणों ने तहसील दिवस व मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर कोटेदार की जांच की मांग की थी। इसी क्रम में पूर्ति अधिकारी ने द्वारा कोटे की जाँच की गई। जाँच से असंतुष्ट प्रधान ने पूर्ति निरीक्षक पर कोटेदार के घर जाकर जाँच करने की बात बताई। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा जाँच को खारिज कर दिया गया।

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने नायब तहसीलदार को जाँच करने हेतु आदेशित किया। जाँच के आदेश के पंद्रह दिन बाद भी टीम ने गांव पहुंच कर उचित दर विक्रेता द्वारा कार्ड धारकों को राशन ना देने की जाँच में शिथिलता बरती गई। अभी तक जाँच होना सम्भव न हो पाया। पूर्ति निरीक्षक द्वारा मई माह में उक्त गांव से 18 कुंतल राशन व जून में लगभग 17 कुंतल राशन रिकवर किया गया।
ग्राम प्रधान संतोष गुप्ता का कहना है की पूर्ति निरीक्षक दुकान का स्टाक लेने से पहले दुकानदार को सूचित कर जाते है। वहीं पूर्ति निरीक्षक राजेंद्र यादव का कहना है की दुकान दार को आरोप पत्र जारी कर दिया गया है। उक्त प्रकरण में नायब तहसीलदार व फोर्स के साथ ही जाँच करना सम्भव है। गांव में जाँच के दौरान मारपीट का महौल बन जाता है।




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